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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि दो देश एक साथ आकर लाखों घरों के किचन में कैसे रौनक ला सकते हैं? भारत और अमेरिका के बीच अब कुछ ऐसा ही कमाल हुआ है! भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों (PSU Oil Companies) ने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के साथ एक बेहद अहम एलपीजी (LPG - Liquid Petroleum Gas) खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस ऐतिहासिक डील की जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खुद दी है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मज़बूती मिलेगी.

भारत-अमेरिका का साथ, एलपीजी में आत्मनिर्भरता की ओर

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख एलपीजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ ऐतिहासिक खरीद समझौते किए हैं. ये समझौते भारत की बढ़ती एलपीजी मांग को पूरा करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे.

  1. ऊर्जा सुरक्षा: भारत दुनिया के सबसे बड़े एलपीजी उपभोक्ताओं में से एक है, और घरेलू खपत को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में एलपीजी का आयात करता है. अमेरिका के साथ यह डील आयात स्रोतों में विविधता लाएगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगी.
  2. आर्थिक लाभ: यह डील लंबी अवधि के लिए एक स्थिर और संभवतः अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती है, जिसका फायदा आखिरकार उपभोक्ताओं को भी मिल सकता है.
  3. अंतर्राष्ट्रीय संबंध: यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते आर्थिक और सामरिक संबंधों को भी दर्शाता है. ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा.

हरदीप सिंह पुरी का बड़ा ऐलान

मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस डील को भारत की ऊर्जा रणनीति में एक मील का पत्थर बताया है. उनका कहना है कि ये समझौते केवल एलपीजी खरीदने से कहीं ज़्यादा हैं; वे भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करने और देश को एक अधिक लचीले और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर ले जाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं.

यह डील दर्शाता है कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में अपनी स्थिति को लगातार मज़बूत कर रहा है और विभिन्न स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है. उम्मीद है कि इससे देश में एलपीजी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा.