लॉकडाउन में लोगों का रोजी-रोजगार तो प्रभावित हुआ ही, साथ ही कई जिंदगियां भी तबाह हो गयीं। परिवार परामर्श केंद्र (Family Counseling Center) पर पत्नी से सुलह करने आये पति ने पत्नी को तीन बार तलाक (Triple divorce) कहकर उसे तलाक दे दिया। हालाँकि कानूनी तौर पर तीन तलाक ख़त्म होने के चलते पुलिस ने पति की इस हरकत पर उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया।
प्रकरण खण्डवा की गुलनाज़ सिद्दीकी का है जिसका 8 वर्ष पहले झांसी के अज़हर से निकाह हुआ था। शुरू में थोड़ा ठीक-ठाक चला, फिर दो बच्चे भी हुए लेकिन इसके बाद से ही दोनों में अनबन शुरू हो गई। लॉकडाउन के शुरूआती दौर में ही अचानक अज़हर अपने परिवार को छोड़कर कहीं चला गया। गुलनाज़ और उसके बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ गई। उसकी इस हालत पर ससुराल के लोगों का भी दिल नहीं पसीजा। इसके बाद वह किसी तरह अपने मायके लौटी।
खबर के मुताबिक गुलनाज़ और अज़हर के दो बच्चे भी हैं। 7 वर्ष की बेटी औऱ साढ़े 4 वर्ष का बेटा है। पति-पत्नी के इस विवाद के चलते इन मासूमों का भविष्य (Future of innocent) भी दांव पर लग गया है। गुलनाज़ अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिये सभी जतन करती रही। उसे मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम-2019 (Muslim Women Marriage Rights Act-2019) से भी उम्मीद जगी थी लेकिन उसके पति को इस कानून का भी ख़ौफ़ नहीं था। उसने यह कहकर उसे परामर्श केंद्र में सभी के सामने तीन तलाक कह दिया कि मुझे खुदा को मुंह दिखाना है।
सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी बीएल मंडलोई ने मीडिया को बताया कि महिला परामर्श केंद्र में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी जिसके निराकरण के लिए उसके पति को बुलाया गया था। परामर्श के दौरान ही उसने तीन तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम-2019 (Muslim Women Marriage Rights Act-2019) के तहत अज़हर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस अधिनियम के तहत यह सिटी कोतवाली का पहला मामला है।