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अमेरिकी सेना अरब क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। बीते काफी वक्त से ईरान द्वारा अरब सागर में व्यापारिक जहाजों को प्रताड़ित करने की घटनाएं सामने आई हैं, जिस पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। उसके बाद अमेरिका ने बयान जारी किया है कि वह क्षेत्रीय सहयोगियों के सहयोग से अरब क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाएगा।

खाड़ी इलाके में ईरान की दबंगई

ईरान ने बीते 2 सालों में खाड़ी से गुजरने वाले 15 अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों को परेशान या हमला किया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक बयान जारी कर कहा कि रक्षा विभाग खाड़ी में अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर विचार कर रहा है।

इसके लिए होर्मुज जलडमरूमध्य में क्षेत्रीय शक्तियों के साथ सहयोग और समन्वय बढ़ाया जाएगा। पिछले महीने, ईरान की नौसेना ने पनामा में कथित तौर पर एक व्यापारी जहाज को जब्त कर लिया, जिससे तनाव बढ़ गया। इससे पहले ईरान ने मार्शल द्वीप समूह से एक तेल टैंकर जब्त किया था। इससे तनाव काफी बढ़ गया।

अमेरिका बढ़ाएगा पेट्रोलिंग 

बहरीन में अमेरिकी नौसेना का पांचवां बेड़ा। होर्मुज जलडमरूमध्य में गश्त बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यूएस फिफ्थ फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने एक बयान में कहा कि ईरान गैर-जिम्मेदाराना तरीके से व्यापारी जहाजों को परेशान कर रहा है और उन्हें जब्त कर रहा है और इसे बंद होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार जहाजों के नौवहन और आवाजाही पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए।

होर्मुज जलडमरूमध्य क्यों अहम है?

होर्मुज जलडमरूमध्य ईरान और ओमान की सीमा पर एक अहम चोक प्वाइंट है और इसी होर्मुज जलडमरूमध्य के जरिए अरब देशों से दुनिया के कई देशों को कच्चे तेल की आपूर्ति की जाती है। इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग को किसी भी दबाव से मुक्त रखने के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य में किसी भी देश का प्रभुत्व एक अहम मुद्दा है।

होर्मुज जलडमरूमध्य की लंबाई 160 किलोमीटर से अधिक है और एक बिंदु पर इसकी चौड़ाई केवल 39 किलोमीटर है। ऐसे में अगर ईरान इस जगह पर कब्जा कर लेता है तो इसका दुनिया के समुद्री व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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