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चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद जहां करोड़ों भारतीय खुशी से फूले नहीं समा रहे वहीं तमाम लोगों के जहन में ये भी सवाल है कि आखिर चंद्रयान तीन चांद पर क्या क्या तथ्य खोजने वाला है। चांद के बारे में जबसे रिसर्च शुरू हुई है तबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चांद पर इंसान बस सकता है। मजेदार बात ये भी है कि चांद पर तमाम लोगों ने प्लॉट खरीदने शुरू कर दिए हैं। लेकिन अभी तक किसी को ये नहीं पता कि क्या चांद पर इंसान बस सकता है या नहीं और कभी बस भी पाएगा या नहीं।

चंद्रयान तीन इस बारे में तमाम सवालों के जवाब देगा। चंद्रमा पर चंद्रयान तीन यानी विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 14 दिनों के लिए ऐक्टिवेट हो चुके हैं। हालांकि चांद की सतह के हिसाब से ये दोनों एक ही दिन एक्टिव रहेंगे, लेकिन चांद पर जितनी देर में एक दिन बीतता है, धरती पर तब तक 14 दिन बीत जाते हैं।

ऐसे में हम कह सकते हैं कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 14 दिन के लिए ऐक्टिवेट हो चुके हैं। अब बात करते हैं इस बारे में रिसर्च की। चंद्रयान 3 में पेट्रो पॉली री मेटी नाम का एक उपकरण है। इसे शिप यानी इस पेट्रोल मेटल और टेबल प्लैनेट अर्थ नाम दिया गया है। ये पृथ्वी से आने वाले प्रकाश का अध्ययन करेगा।

इसका मकसद ये पता लगाना है कि जिन खगोलीय पिंडों पर जीवन होता है, उनमें आने वाले प्रकाश और बाकी पिंडों में आने वाले प्रकाश के इस स्पेक्ट्रम में क्या अंतर होता है। ये प्रयोग खगोल विज्ञान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके जरिए पृथ्वी जैसे उन ग्रहों को खोजने में मदद मिलेगी। इसके सफल होने से भारत अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी की कतार में खड़ा हो जाएगा।

 

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