improved variety of wheat . खरीफ सीजन अपने चरम पर है। जिसके तहत खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान ( धान ) की कटाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही रवि सीजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसमें कृषि वैज्ञानिक किसानों को रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की अगेती किस्में 20 अक्टूबर के बाद लगाने की सलाह दे रहे हैं । इसे देखते हुए किसानों ने गेहूं की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत किसान इन दिनों गेहूं के बीज इकट्ठा करने में लगे हुए हैं। ऐसे किसानों के लिए बहुत अच्छी जानकारी है। गेहूं की विभिन्न किस्मों के बीच वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म विकसित की है। इसमें कई गुण हैं। उदाहरण के लिए, गेहूं की यह किस्म बिना सिंचाई के 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन करने में सक्षम है।
गेहूं की इस नई किस्म को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। जिसका नाम K-1616 है। उत्तर प्रदेश में बुवाई के लिए गेहूं की इस किस्म की घोषणा की गई है। जिसे उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में बोया जा सकता है। हालांकि इसके बीज अगले साल से किसानों को उपलब्ध होंगे। (improved variety of wheat)
K-1616 संकर किस्म गेहूं की दो किस्मों को मिलाकर तैयार की जाती है
चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के वैज्ञानिकों ने गेहूं की दो किस्मों को संकरण करके गेहूं की एक नई किस्म K-1616 विकसित की है। जो एक संकर प्रजाति है। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 4 साल की मेहनत के बाद एचडी-2711 और के-711 गेहूं को मिलाकर के-1616 को संकर किस्म के रूप में विकसित किया है। (improved variety of wheat)
दो सिंचाई मिलने पर 55 क्विंटल तक उत्पादन (improved variety of wheat)
चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित गेहूं की एक नई किस्म के-1616, बिना सिंचाई के 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन करने में सक्षम है। अतः इस प्रकार की फसल की सिंचाई करके किसान इससे अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार K-1616 किस्म का गेहूँ 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकता है यदि दो सिंचाई दी जाए। (improved variety of wheat)
दरअसल गेहूं की नई किस्म के-1616 को शुष्क क्षेत्रों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। साथ ही रबी सीजन में कम बारिश होने पर इससे उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। (improved variety of wheat)
12 प्रतिशत तक प्रोटीन की बुवाई सींचकर ही की जा सकती है
गेहूं की नई किस्म के-1616 में कई विशेषताएं हैं। किसान इसे खेत में मिलने के बाद ही बो सकते हैं। वहीं, इसके दानों में 12 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है। इसके अन्य गुणों की बात करें तो यह रोग प्रतिरोधी है, इसमें काले, पीले रोग का कोई खतरा नहीं है। वहीं, इस किस्म का दाना अन्य किस्मों की तुलना में बड़ा और लंबा होता है। गेहूँ की सामान्य किस्म बुवाई के 125 से 130 दिनों में पकने के लिए तैयार हो जाती है, जबकि K-1616 किस्म 120 से 125 दिनों में पक जाती है। (improved variety of wheat)
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