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नई दिल्ली॥ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 6 फरवरी, 2020 को हैदराबाद, विजयवाड़ा, कडप्पा, विशाखापतनम, दिल्ली और पुणे में 40 से अधिक परिसरों में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। तलाशी का काम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना स्थित तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा समूहों में किया गया। जांच में फर्जी उप-ठेकों, एक ही भुगतान के लिए बार-बार बिल देने और फर्जी बिलिंग के जरिए नकदी कमाने के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ।

तलाशी के दौरान ईमेल, व्हाट्सएप संदेशों और अस्पष्ट विदेशी लेनदेन के अलावा अपराध संबंधी अनेक दस्तावेज और खुले कागजात बरामद कर जब्त किए गए। एक जाने-माने व्यक्ति के पूर्व-निजी सचिव सहित करीबी सहयोगियों के विरूद्ध भी तलाशी की कार्रवाई की गई। तलाशी से पता चला कि बुनियादी ढांचा कम्पनियों ने कई गैर-मौजूद / फर्जी संस्थाओं को उप-ठेका दे दिया था।

प्रारंभिक अनुमान लेन-देन के माध्यम से 2000 करोड़ रुपये बेइमानी से निकालने की जानकारी देते हैं, जिन्हें अनेक कम्पनियों के जरिए रखा गया था। बही खातों और करों के ऑडिट के रखरखाव से बचने के लिए श्रृंखला के अंत में छोटी कम्पनियों को रखा गया था, जिनका कारोबार 2 करोड़ रुपये से भी कम था। ऐसी कम्पनियां या तो अपने पंजीकृत पते पर नहीं पाई गईं या शेल कम्पनियों में पाई गईं।

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ऐसे अनेक उप-ठेकेदारों को मुख्य ठेकेदार उनकी सभी आईटीआर फाइलिंग और मुख्य कॉर्पोरेट कार्यालय के आईपी पते से किए जा रहे अन्य अनुपालनों द्वारा नियंत्रित कर रहा था। संदेह है कि बुनियादी ढांचा कम्पनियों में से एक की समूह कम्पनियों में कई करोड़ रुपये की एफडीआई प्राप्तियों की बेहिसाब धनराशि की राउंड-ट्रिपिंग की गई। तलाशी के दौरान 85 लाख और रुपये की नकद राशि और 71 लाख रु के आभूषण जब्त किए गए। 25 से अधिक बैंक लॉकरों पर नियंत्रण लगाया है।

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