काठमांडू। बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (BIMSTEC) के 4 सम्मेलन में शामिल होने नेपाल पहुंचे पीएम मोदी ने सभी सदस्य देशों को वर्ष 2020 में होने वाले अंतरराष्ट्रीय बौद्धिस्ट सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि सभी देश हमारी साझा संस्कृति के अटूट बंधन से जुड़े हुए हैं। भारत की नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट की पॉलिसी का समागम बंगाल की खाड़ी में होता है। पीएम ने आह्वान किया कि बिम्सटेक के देशों को आपस में ट्रेड कनेक्टिविटी, इकोनामिक कनेक्टिविटी, डिजिटल कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच की कनेक्टिविटी पर काम करना होगा। इसके अलावा हमें कोस्टल सिटी और मोटर व्हीकल समझौतों पर आगे बातचीत करनी होगी।
उन्होंने कहा कि भारत बिमस्टेक स्टार्टअप कॉनक्लेव आयोजित करने के लिए तैयार है। इस पर हम सभी देश मिलकर बल दे सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कला, संस्कृति, सामुद्रिक कानूनों एवं अन्य विषयों पर शोध के लिए हम नालंदा विश्वविद्यालय में एक सेंटर फॉर बे ऑफ बंगाल स्टडीज की स्थापना भी करेंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने बिमस्टेक नेताओं से मुलाकात की वहीं इन सब के साथ नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मिले।
क्या है बिम्सटेक?
-बिम्सटेक (BIMSTEC) यानी बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम।
-यह बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है।
-इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई।
-बिम्सटेक में सात देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं।
-शामिल देशों की कुल आबादी 1.5 अरब है, लेकिन दुनिया के लिहाज से देखें तो यह 21 प्रतिशत है।इस समूह में शामिल देशों की कुल जीडीपी 2500 अरब डॉलर है।
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पीएम मोदी की चौथी नेपाल यात्रा-
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यह चौथी नेपाल यात्रा है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद ही नरेंद्र मोदी नेपाल गए थे, इससे पहले 17 साल तक कोई प्रधानमंत्री नेपाल नहीं गया था।
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