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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने एक 'रजाकर' को सम्मानित करके शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सरकार ने दिवंगत पत्रकार शोएबुल्लाह खान के परिवार को उर्दू के लिए उनकी सेवाओं के लिए पुरस्कार दिया और भाजपा नेता एम. रघुनंदन राव ने दावा किया कि सरकारी दस्तावेज में खान को 'रजाकर' के रूप में संदर्भित किया गया था।

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री एम. रघुनंदन राव ने हैदराबाद में 'शहीद स्मारक' का दौरा करने के बाद तेलंगाना सरकार से तत्काल इस पुरस्कार को वापस लेने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम से उन लोगों का अपमान हुआ है जिन्होंने निजाम के शासन और 'रजाकारों' के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

कौन थे शोएबुल्लाह खान?
शोएबुल्लाह खान एक प्रसिद्ध पत्रकार थे, जिन्हें निजाम के शासन के दौरान रजाकारों द्वारा क्रूरता से मार दिया गया था। उन्हें उनकी निडर पत्रकारिता और निजाम के भारत में विलय का विरोध करने वाले 'रजाकारों' (नवाब कासिम रज़वी के नेतृत्व में एक अर्धसैनिक स्वयंसेवी बल जो हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था) के खिलाफ़ लिखने के लिए जाना जाता था। विडंबना यह है कि भाजपा का आरोप है कि सरकार ने उसी व्यक्ति को 'रजाकार' करार दिया, जिसे रजाकारों ने ही मार डाला था।

भाजपा के आरोप और मांगें:
रघुनंदन राव ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की और कहा कि कांग्रेस सरकार केवल मुसलमानों को 'खुश' करने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली भाजपा सरकार ने उन लोगों को सम्मानित किया था जिन्होंने 17 सितंबर को 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' पर रजाकारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, जो हैदराबाद राज्य के भारत में विलय का प्रतीक है।

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