कोरोना टेस्ट फोटो लीक होने पर आईपीएस अफसर की एफआईआर दर्ज करने से इनकार, दी गई ये वजह

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लखनऊ, 05 सितम्बर । वरिष्ठ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर की अपने व अपने परिवार के कोरोना टेस्ट से संबंधित फोटो व रिपोर्ट लीक होने के संबंध में एफआईआर की मांग लखनऊ पुलिस द्वारा ठुकरा दी गयी है। दयाराम साहनी, उपनिरीक्षक, थाना गोमतीनगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना सरकारी पैसे से सार्वजनिक जांच के तहत हुई थी, इसलिए यह गोपनीय जांच नहीं है तथा व्यक्तिगत निजता में नहीं आती है।

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साहनी के अनुसार सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य परीक्षण का फोटो सोशल मीडिया पर डाला गया, इसलिए किसी विधिक अधिकार का उल्लंघन अथवा कोई अपराध नहीं है। थाना गोमतीनगर को भेजी शिकायत में अमिताभ ने कहा था कि 27 अगस्त को टेस्ट के दौरान कोविड टेस्ट टीम ने उन लोगों के फोटो लिए।

उसी शाम 7.13 पर कुछ निजी ट्वीटर हैंडल से उनके परिवार वालों के टेस्ट के समय के फोटो ट्वीट हुए तथा बताया गया कि उनमें कोई कोविड पॉजिटिव नहीं आया है। अमिताभ ने पुलिस रिपोर्ट से असहमति जताते हुए कहा है कि घर के अन्दर कोरोना जांच के समय कोविड टीम द्वारा परिवार के लोगों का लिया गया फोटो व कोविड रिपोर्ट स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत निजता का मामला है, इसलिए वे इस संबंध में विधिक कार्यवाही करेंगे।

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