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Iran Israel War: इजराइल रक्षा बलों ने कल सवेरे ईरानी सैन्य ठिकानों पर 'सटीक हमले' किए हैं। ये घटना 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए बड़े पैमाने पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद हुई, जिसमें लगभग 200 मिसाइलें शामिल थीं। हालांकि, ईरान के हमलों को इजरायल की हवाई सुरक्षा द्वारा बड़े पैमाने पर रोक दिया गया था।

आईडीएफ ने एक आधिकारिक बयान जारी कर लक्षित सैन्य अभियानों के क्रियान्वयन की पुष्टि की है। आईडीएफ ने कहा, "ईरान में शासन द्वारा इजरायल राज्य के खिलाफ महीनों से निरंतर किए जा रहे हमलों के जवाब में आईडीएफ ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले कर रहा है।"

इजरायली हमलों के बाद ईरान में हुए नुकसान के बारे में तत्काल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इजरायली हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब मध्य पूर्व पूरी तरह से क्षेत्रीय युद्ध के कगार पर है। ये बढ़ता तनाव 2023 में हमास नामक एक उग्रवादी समूह द्वारा इजरायल पर किए गए शुरुआती हमले के बाद हुआ है। हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में जमीनी कार्रवाई के साथ जवाब दिया। इसके बाद लेबनान पर आक्रमण किया गया, जिसमें विशेष रूप से तेहरान द्वारा समर्थित उग्रवादियों को निशाना बनाया गया।

इजराइल ने ईरान को क्यों निशाना बनाया?

आज ईरान के सैन्य ठिकानों पर इजरायल द्वारा किया गया हमला इस महीने की शुरुआत में ईरान द्वारा इजरायल के खिलाफ किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के प्रतिशोध में किया गया। इजरायल ने हवाई हमलों के बाद ईरान से बदला लेने का संकल्प लिया है। हवाई हमले के बाद तेहरान ने चल रहे हमास-इजरायल संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने की बात कही।

ईरान पर हाल ही में हुआ हमला कोई नई बात नहीं है, क्योंकि इजरायल ने बार-बार जवाबी हमले की चेतावनी दी है। बता दें कि ईरान-इजरायल संघर्ष की जड़ें 1979 की ईरानी क्रांति में हैं, जिसने अमेरिकी प्रभाव और हितों के खिलाफ एक सख्त इस्लामी शासन की स्थापना की, जिससे दोनों देशों के बीच दशकों तक दरार बनी रही।

 

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