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एक ओर जहां फिल्म 'द केरला स्टोरी' को लेकर माहौल गरमा रहा है, वहीं यह बात सामने आई है कि पिछले तीन महीनों में महाराष्ट्र से 5 हजार 610 युवतियां लापता हो चुकी हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि मार्च में सबसे ज्यादा 2200 लड़कियां लापता हुई हैं। हर दिन औसतन 70 लड़कियां लापता हो रही हैं.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। इसमें उन्होंने कहा था कि जनवरी में महाराष्ट्र से 1,600, फरवरी में 1,810 और मार्च में 2,200 लड़कियां गायब हुईं। यह हमारे लिए चिंताजनक है कि लापता होने वाली युवतियों व महिलाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। दुर्भाग्य से, राज्य 2020 से गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में पहले स्थान पर है। इसके लिए वास्तव में एक बहुत बड़ी प्रणाली की आवश्यकता होती है और उसका उपयोग किया जाता है।

महिला आयोग ने पिछले महीने नागपुर में मानव-तस्करी विरोधी जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया था। उस वक्त राज्य के गृह मंत्री भी मौजूद थे। हमने मौजूदा चुनौतियों और समाधान पर गृह विभाग को एक रिपोर्ट भेजी है। गुमशुदगी की शिकायत करने वाली लड़कियों का पता नहीं चलने पर इन लड़कियों को मानव तस्करी में घसीटा जाता है। इन लड़कियों को शादी, प्यार और रोजगार का लालच देकर गुमराह किया जाता है और उनका यौन शोषण किया जाता है। रूपाली चाकणकर ने इस मामले को बेहद चिंताजनक बताते हुए मांग की है कि गृह विभाग इस संबंध में तत्काल कदम उठाए।

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