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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान और रूस की दोस्ती के जिंदाबाद के नारे लगाकर दुनिया को हैरान कर दिया है।

वहीं रूस जो भारत का सालों पुराना दोस्त है और यूक्रेन युद्ध के मसले पर जिसके लिए भारत अमेरिका जैसी महाशक्ति का गुस्सा मोल लेते हुए ना तो उसकी आलोचना की ना ही किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसके खिलाफ मतदान किया।

लेकिन ऐसा क्या हो गया जो रूस के विदेश मंत्री भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान के साथ अपनी दोस्ती के जिंदाबाद होने के नारे लगा रहे हैं।

दरअसल सर्गेई लैवरोव का ये नारा उनके उस विडियो का एक हिस्सा है जो उन्होंने पाकिस्तान और रूस के डिपॅाजिट तो के पचहत्तर साल पूरे होने के मौके पर पाकिस्तान की आवाम के लिए जारी किया है।

मगर क्या बात बस यही तक है या फिर रूस और पाकिस्तान के बीच कोई नई खिचड़ी पक रही है? ये बात भारत के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि रूस ही वो देश है जिससे भारत अपनी जरूरत की सबसे ज्यादा हथियार खरीदता है।

दरअसल रूस ने इन दिनों पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ाना शुरू कर दिया है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस को इंटरनॅशनल स्तर पर नए दोस्तों की तलाश है और रूस के दोस्त चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान के साथ। अब रूस नए रिश्तों का आगाज हाल ही में पाकिस्तान और उसके बीच एक डील हुई है जिसके तहत पाकिस्तान सस्ती दरों पर रूस से कच्चा तेल मिल रहा है और उस की पहली खेप हाल ही में कराची पहुंची है।

यह ठीक वैसे ही डील है जैसे भारत रूस के साथ की है। इस कच्चे तेल के लिए पाकिस्तान चीनी मुद्रा युवान में रूस को भुगतान करेगा। लेकिन माना जा रहा है कि दिवालिया होने के कगार पर पहुँचे पाकिस्तान के लिए ये डील घाटे का सौदा साबित हो सकता है क्योंकि इसके भुगतान के लिए पाकिस्तान को डॉलर बेचकर ही युवान खरीदना पड़ता है।

पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री का दावा है फिर उसी तेल के लगातार आने पर पाकिस्तान में तेल की कीमतें कम होंगी। बता दें कि इतना तय है कि अगर रूस और पाकिस्तान की दोस्ती गहरी होती है तो इसमें भारत के ही एक और दुश्मन चीन की बड़ी भूमिका हो सकती है।
 

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