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हल्दी में शामिल करक्यूमिन पेट से जुड़ी दिक्कतों का सबब बन सकता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में हल्दी वाला दूध पीने से दस्त और मतली की समस्या हो सकती है।

ज्यादा मात्रा में हल्दी का सेवन करने से बॉडी में आयरन की कमी दूर हो जाती है। जिन लोगों में आयरन की कमी है उन्हें हल्दी वाले दूध से परहेज करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान हल्दी वाला दूध पीने से गर्भाशय में ऐंठन, रक्त स्राव और दर्द हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गोल्डन मिल्क के सेवन से परहेज किया जाता है।

लीवर से संबंधित लोगों को हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। अगर लिवर और पेट की समस्या वाले लोग हल्दी वाला दूध पीते हैं, तो उन्हें सूजन, कमजोर पाचन तंत्र, एसिड रिफ्लक्स और दस्त शुरु हो सकते है।

हल्दी का सेवन करने से शरीर में एलर्जी हो सकती है। आपकी स्किन पर दाने हो सकते हैं या आपको सांस लेने में समस्या हो सकती है।

यदि एनीमिया से पीड़ित लोग हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं, तो जिस्म आयरन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है। इसलिए शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल नहीं बढ़ता है।

किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए हल्दी वाला दूध डेंजर है। हल्दी में ऑक्सलेट के कारण किडनी की बीमारी ज्यादा गंभीर होने की आशंका रहती है।
 

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