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ना पराली जली, न पटाखे फूटे फिर भी हवा बिगड़ रही है। दिल्ली की हवा न सिर्फ दिल्ली की बल्कि इस बार कतार में मुंबई भी है। सवाल है क्यों? हर साल दिवाली के समय AQI खराब होना शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार थोड़ी जल्दी ही AQI बनना शुरू हो गया। तो आज चर्चा इस मुद्दे पर करेंगे।

शुरुआत करते हैं और जानते हैं AQI क्या है। दरअसल, AQI एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI हवा की क्वालिटी का एक इंडेक्स होता है। इसको सबसे पहले अमेरिका की एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी यानी कि यूएनईपी ने बनाया था जिसका इस्तेमाल अब दुनिया के बहुत सारे देश करते हैं। हवा में मौजूद पोल्यूशन की वजह से AQI बदलता है। जितना ज्यादा AQI उतना ज्यादा पल्यूशन और इसी रेंज में हवा को तमाम सिम दी जाती है।

सबसे पहले बात करते हैं दिल्ली की कि आखिर दिल्ली में दिवाली से पहले हवा की जो क्वालिटी है, जो पॉल्यूशन है उसमें क्यों बढ़ना शुरू हो गया। तो दिवाली पर दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। दिल्लीवासियों को इस बात का अच्छे से पता है।

इसका कारण पराली और दिवाली के पटाखे पल्यूशन भी इसका बड़ा कारण बनता है। किंतु, इस बार दिल्ली की हवा दिवाली से पहले ही जहरीली होनी शुरू हो गई है। सरकार ने कई नियमों को लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण कार्यों के अलावा बाकी गतिविधियों पर पाबंदी लगाए जाने की तैयारी है। इसके अलावा रेड लाइट और वाहन बंद रखने का कैंपेन शुरू किए जाने की योजना भी बनाई गई है।

आपको बता दें कि अर्बन आबादी को रहने के लिए घर चाहिए। जब घर बनाए जाते हैं तो ईंट, बालू, मिट्टी, सीमेंट का इस्तेमाल होता है और भवन निर्माण के समय चीजें उड़ने लगती हैं तो हवा में बैठ जाती हैं जिससे प्रदूषण बढ़ता है। इसके अलावा इन्हीं मौसमों में देश के बड़े त्योहार भी पड़ते हैं। दुर्गापूजा, दशहरा, दिवाली और आतिशबाजी होती है। उत्सव मनाया जाता है। जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ता है।

 

 

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