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jharkhand news: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बांग्लादेश के दो नागरिकों सहित चार व्यक्तियों को अरेस्ट किया। ये कार्रवाई मंगलवार को रांची, झारखंड के पाकुड़ और पश्चिम बंगाल में 17 स्थानों पर की गई छापेमारी के बाद की गई। ये बात सामने आई है कि बांग्लादेश की युवतियों को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला जाता था और दलालों को भारत में उनके प्रवेश की सुविधा के लिए मोटी रकम मिलती थी।

जून में राजधानी रांची के होटल बोली रिसॉर्ट में कई बांग्लादेशी लड़कियों को हिरासत में लिया गया था, जिससे कोलकाता की झुमा, जिसे मनीषा के नाम से भी जाना जाता है, उसकी पहचान हुई। जांच में पता चला है कि बांग्लादेशी नागरिकों का ये नेटवर्क वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से लड़कियों की तस्करी के लिए रांची में जिम्मेदार था। पीड़ितों को होटल में ठहराया जाता था और उन्हें जबरन इस धंधे में धकेला जाता था। उनकी गिरफ्तारी के बाद ईडी ने सभी चार संदिग्धों को कोलकाता से रांची पहुंचाया। गुरुवार को कानून प्रवर्तन द्वारा आरोपियों से आगे की पूछताछ की सुविधा के लिए 14 दिनों की रिमांड के लिए अदालत में अनुरोध प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

ईडी की जांच में पता चला है कि दो बांग्लादेशी संदिग्ध रोनी मंडल और समीर चौधरी बांग्लादेश में दलालों के सीधे संपर्क में थे। ये दलाल वेश्यावृत्ति के लिए भारत में लड़कियों की अवैध तस्करी में लगे हुए थे। बंगाल पहुंचने पर पिंटू हलदर की मदद से जाली दस्तावेज बनाए गए। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि पिंकी बसु मुखर्जी झारखंड और बिहार के दलालों के साथ मिलकर तस्करी को सुविधाजनक बनाने में शामिल थी, जिसके लिए उन्हें काफी पैसे मिले थे।
 

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