नयी दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव कौन जीतेगा? जो बाइडेन या डोनाल्ड ट्रम्प। इसका जवाब संभवत: आज रात तक मिल जाए। इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। पाकिस्तान भी इस चुनाव में नजर बनाए हुए है।
क्योंकि अगर ट्रंप दोबारा सत्ता हासिल करते हैं तो पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते और खराब हो सकते हैं। लेकिन अगर अमेरिका के पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन चुनाव जीतते हैं तो पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते फिर से पटरी पर लौट सकते हैं।
बिडेन ने चुनाव से पहले अमेरिकी मुसलमानों के लिए एक अलग से एजेंडा भी प्रकाशित किया और इसमें कश्मीर और सीएए का भी जिक्र किया था. इसके उलट, ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ बोलने से बचते रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई एक्सपर्ट ने कहा कि अगर बिडेन चुनाव जीतते हैं तो वो भारत और पाकिस्तान को वार्ता की मेज पर लाने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि, ट्रंप शायद ही ऐसा करें. इन सारे फैक्टरों को देखते हुए पाकिस्तान बिडेन की जीत की ही दुआ करेगा.
पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल और राजनीतिक मामलों के विश्लेषक तलात मसूद कहते हैं, अगर बिडेन चुनाव जीतते हैं तो ट्रंप के दौर में कूटनीतिक पहलू की अवहेलना पर विराम लगेगा. हालांकि, बिडेन से भी हमें बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए.
पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल मसूद बिडेन मान रहे हैं क्योंकि ट्रंप ने अपने कार्यकाल में कई संधियों और समझौतों को रद्द कर दिया. मसूद कहते हैं, जो बिडेन सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गरिमा वापस कायम करेंगे और इससे पाकिस्तान को मदद मिलेगी. इससे ट्रंप के वक्त की अनिश्चितता से भी निजात मिलेगी. पाकिस्तानी एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर ट्रंप को दूसरा कार्यकाल मिला तो इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो पाकिस्तान समेत मुस्लिम बहुल देशों के खिलाफ और ज्यादा पूर्वाग्रह से ग्रसित नजर आ सकते हैं.
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