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Up Kiran, Digital Desk: परीक्षा के नतीजों में उम्मीद से कम अंक आने पर घरवालों की डांट का डर कई बार बच्चों को ऐसे फैसले लेने पर मजबूर कर देता है, जिनके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। राजस्थान के सीकर जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां नीट की तैयारी कर रही 20 वर्षीय युवती ने कम नंबर आने के बाद घर छोड़ दिया। करीब एक महीने तक लापता रहने के बाद पुलिस ने उसे अमृतसर के गोल्डन टेंपल से सकुशल बरामद किया।

घटना कैसे हुई

यह पूरा मामला सीकर के उद्योग नगर इलाके का है। पुलिस के अनुसार 25 जुलाई की सुबह युवती अचानक घर से बिना बताए निकल गई। परिवार ने जब उसे काफी ढूँढा लेकिन वह नहीं मिली, तो उसी दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने खोजबीन शुरू की और आखिरकार 29 अगस्त को लड़की अमृतसर से मिल गई।

नंबर छिपाने का दबाव

जांच के दौरान युवती ने पुलिस को बताया कि इस साल नीट परीक्षा में उसके नंबर अपेक्षा से काफी कम आए थे। डांट के डर से उसने परिवार को गलत जानकारी दी कि उसके अंक अच्छे आए हैं और उसे बेहतर कॉलेज मिल जाएगा। लेकिन जैसे ही काउंसलिंग का समय करीब आया, उसे लगा कि हकीकत सामने आ जाएगी। यही डर उसके घर छोड़ने की वजह बन गया।

सफर की कहानी

घर छोड़ने के बाद युवती सबसे पहले ट्रेन से रेवाड़ी पहुँची। वहां से दिल्ली और फिर हरिद्वार चली गई।

हरिद्वार में उसने राहगीरों को तिलक लगाकर कुछ पैसे जुटाए। उन्हीं पैसों से उसने खाना खाया और कपड़े खरीदे।

इसके बाद वह पठानकोट पहुँची। वहां लोगों से पता चला कि अमृतसर के गोल्डन टेंपल में लंगर में सेवा कर खाने-रहने की सुविधा मिल सकती है।

यह सुनकर वह सीधे अमृतसर निकल गई और वहीं पर लंगर सेवा करने लगी।

करीब एक महीने तक युवती वहीं रही और हाल ही में उसने अपने पिता को कॉल करके बताया कि वह अब घर नहीं लौटना चाहती। इसी कॉल से पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की और उसे सुरक्षित वापस लाया।

एसपी ने दी अपील

सीकर एसपी प्रवीण नायक ने मामले पर बयान देते हुए कहा है, “लड़की को सकुशल उसके परिवार के हवाले कर दिया गया है। यह घटना अभिभावकों के लिए एक सबक है। बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें और उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि कम नंबर आने पर भी घरवालों का सहयोग और समझ उनके साथ है।”

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