Up kiran,Digital Desk : हॉकी प्रेमियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। चेन्नई और मदुरै के मैदान सज चुके हैं क्योंकि शुक्रवार (कल) से FIH जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप का आगाज होने जा रहा है। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट की शुरुआत अपने पहले मैच में चिली (Chile) के खिलाफ भिड़कर करेगी।
इस बार फैंस का उत्साह इसलिए भी सातवें आसमान पर है क्योंकि मुकाबला अपनी ही घरेलू सरजमीं पर है। टीम इंडिया की नजरें उस 9 साल के सूखे को खत्म करने पर हैं, जब हमने आखिरी बार अपने घर में ट्रॉफी उठाई थी।
2016 का वो सुनहरा पल
आपको याद दिला दें कि भारत अब तक दो बार जूनियर चैंपियन बन चुका है। पहली बार 2001 में और दूसरी बार 2016 में। 2016 का वर्ल्ड कप इसलिए खास था क्योंकि तब लखनऊ में हमारे लड़कों ने धमाल मचाया था और सीनियर टीम के मौजूदा कोच हरेंद्र सिंह ने टीम को जीत दिलाई थी। अब 2025 में फिर से वही जादू दोहराने की उम्मीद है।
श्रीजेश की सबसे बड़ी परीक्षा
इस बार मैदान के बाहर डगआउट में एक खास चेहरा नजर आएगा—भारत के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश। ओलिंपिक में देश का मान बढ़ाने के बाद श्रीजेश अब कोच की भूमिका में हैं। यह टूर्नामेंट उनके कोचिंग करियर का पहला बड़ा टेस्ट है। हाल ही में सुल्तान जोहोर कप में सिल्वर मेडल जीतकर टीम अच्छे फॉर्म में है, लेकिन 'पेनल्टी कॉर्नर' पर गोल न कर पाना अभी भी थोड़ी चिंता का विषय है। श्रीजेश इस कमी को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे।
पाकिस्तान नहीं खेल रहा, ओमान की एंट्री
इस वर्ल्ड कप में एक बड़ी खबर पाकिस्तान टीम को लेकर भी रही। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने भारत आने से मना कर दिया। उनकी जगह अब ओमान की टीम खेल रही है।
भारत के ग्रुप का गणित
इस टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 24 टीमें हिस्सा ले रही हैं। भारत को पूल B में रखा गया है। भारत के अलावा इस ग्रुप में
- चिली
- ओमान
- स्विट्जरलैंड
कागजों पर भारत इस ग्रुप में सबसे मजबूत है और अगले राउंड में जाने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। विश्व रैंकिंग में भी भारतीय जूनियर टीम दूसरे नंबर पर है, जबकि जर्मनी पहले नंबर पर काबिज है। जर्मनी ने सबसे ज्यादा 7 बार यह खिताब जीता है।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट
सभी 24 टीमों को 6 ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप की टॉप टीम और दूसरे नंबर की दो सबसे बेस्ट टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी। ऐसे में भारत को हर मैच में बड़े अंतर से जीत दर्ज करने की कोशिश करनी होगी।
तो तैयार हो जाइये, कल से हॉकी स्टिक का जादू देखने के लिए! क्या भारत अपने घर में हैट्रिक (तीसरी ट्रॉफी) लगा पाएगा? कमेंट में जरूर बताएं।
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