बेंगलुरू। छुआ छूत को राज्य में पूरी तरह से समाप्त करने को लेकर कर्नाटक में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी (Karnataka BJP) ने बुधवार को अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए एक अभियान (Campaign against untouchability ) की घोषणा की। समाज कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने राज्य के कोलार जिले में एक घटना का जिक्र करते हुए घोषणा की, जिसमें एक दलित परिवार का बहिष्कार किया गया था, और एक हिंदू देवता को छूने के लिए 60,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
सरकार राज्य में अस्पृश्यता उन्मूलन (Campaign against untouchability ) के लिए एक बड़ा अभियान चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी स्थिति मौजूद है जहां एक इंसान दूसरे को छू नहीं सकता है। पुजारी ने कहा, “हमारी पार्टी समाज में जीवन जीने में समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि जिस दलित परिवार को आघात पहुंचा है, उसे सरकार की ओर से सभी सुविधाएं मिलें।” उन्होंने आगे कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही दलित परिवार के लिए भूमि स्वीकृत कर दी है, और आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये के विशेष अनुदान को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जायेगा।
उन्होंने कहा, “मैंने जिला प्रभारी मंत्री से बात की है और उन्होंने दलित लड़के की उच्च शिक्षा की देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।” हिंदू भगवान की मूर्ति को छूने के लिए दलित लड़के के परिवार पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगाने के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जुलूस के लिए तैयार की जा रही मूर्ति को छूने पर आरोपी ने दलित लड़के चेतन की पिटाई कर दी थी। घटना बीते आठ सितंबर को उल्लरहल्ली गांव की है। अधिकारियों ने शुरू में इस घटना पर आंखें मूंद लीं लेकिन बाद में हरकत में आ गईं। उन्होंने मंदिर का ताला तोड़ दिया और दलित परिवारों को देवता के दर्शन करने की अनुमति दी। दलित संगठनों ने मंदिर पर नीला झंडा फहराते हुए विवाद खड़ा कर दिया है। (Campaign against untouchability )
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