दिल्ली का चुनाव अब उस मोड़ पर पहुंच गया है, जब राजनीतिक पार्टियां रणनीति के तहत एक दूसरे पर जमकर वार कर रही है, जिसके बाद सत्ता पक्ष इसको लेकर जवाब दे रहा है. आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार सबसे अहम मुद्दा है अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का जनता को मुफ सेवाएं देना। विपक्षी पार्टियां इसको अर्थव्यवस्था के लिए नुकसान बता रही हैं.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस सेवा और 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का प्रावधान किया है। विपक्षी दल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘नि:शुल्क सेवाओं’ की घोषणा करने को लेकर ‘आप’ नीत दिल्ली सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सीमित मात्रा में मुफ्त सेवाएं देना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। इससे गरीबों के पास धन की उपलब्धता बढ़ती है जिससे मांग में बढ़ोतरी होती है, लेकिन इसे इतनी सीमा तक किया जाना चाहिए कि कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाना पड़े और इससे बजट की कमी नहीं हो।’ केजरीवाल ने भाजपा की आलोचना करते हुए इस बात पर खुशी जताई कि दिल्ली के लोगों ने भाजपा को सीसीटीवी, स्कूल और कच्ची कॉलोनियों के मुद्दों के आधार पर वोट मांगने के लिए बाध्य किया।
दरअसल दिल्ली भाजपा ने एक ट्वीट किया था जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल से सवाल किया, ‘जरा बताएं कि कितने स्कूल बनाए। पंद्रह लाख सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही थी और कुछ ही सीसीटीवी लगाकर जनता को बेवकूफ बना रहे हो।’
बता दें कि इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”मुझे खुशी है आपको ‘कुछ’ सीसीटीवी कैमरे तो दिखाई दिए। कुछ दिन पहले तो आपने कहा था कि एक भी कैमरा नहीं लगा। थोड़ा समय निकालिए, आपको स्कूल भी दिखा देते हैं? मुझे बेहद खुशी है कि दिल्ली के लोगों ने राजनीति बदली है जो यहां भाजपा को सीसीटीवी, स्कूल और कच्ची कॉलोनियों पर वोट मांगने पड़ रहे हैं।