उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से अपने पूर्वी तट से समुद्र में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दक्षिण कोरिया की सेना के हवाले से ये सूचना दी। साउथ कोरिया की सेना ने कहा कि देश के दक्षिण में एक अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी के पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही उत्तर कोरिया ने दोनों बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया।
साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण प्योंगयांग के पास मिलिट्री बेस से स्थानीय समयानुसार सोमवार रात्रि लगभग 11:55 बजे पर किया गया। परमाणु बमों के जखीरे पर बैठे उत्तर कोरिया ने इससे पहले भी शुक्रवार को एक साथ कई क्रूज मिसाइलें दागकर दक्षिण कोरिया की टेंशन को बढ़ा दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्योंगयांग अपने मिसाइलों का परीक्षण ऐसे वक्त में कर रहा जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच भारी तनाव देखा जा रहा। रॉयटर्स का कहना है कि अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी के दक्षिण कोरिया में तैनाती से उत्तर कोरिया आगबबूला है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए अपने मिसाइलों की ताकत को निरंतर परख रहा।
उत्तर कोरिया की ये मिसाइलें पारंपरिक हथियारों के साथ साथ परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को सीधे तौर पर परमाणु हमले की धमकी दे दी है। उत्तर कोरिया का साफ कहना है कि उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई हुई तो वह परमाणु हथियारों को छोड़ने में तनिक भी देरी नहीं करेगा।
वहीं दक्षिण कोरिया का साफ कहना है कि परमाणु हथियार का उपयोग किम जोंग उन के शासन का अंत होगा। अब अगर उत्तर कोरिया के निरंतर मिसाइलों के दागने पर भारत के रिएक्शन की बात करें तो भारत पहले ही कह चुका है कि ये सरासर गलत है। यूएनएससी बैठक में भारत की ओर से रुचिका कंबोज पहले ही कह चुकी है कि इस पर भारत ने भारी चिंता जताई है।
नॉर्थ कोरिया एक्सपर्ट बताते हैं कि उत्तर कोरिया अपने प्रतिद्वंदियों पर उसे परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में स्वीकार करने और देश पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कम करने के लिए अधिक दबाव डालने के इरादे से इस तरह के परीक्षण कर रहा है।
खैर, उत्तर कोरिया जिस तरह से एक के बाद एक परीक्षण कर रहा, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उसके पड़ोस समेत पूरी दुनिया के लिए काफी खतरनाक है।
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