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चंडीगढ़। जींद की खनौरी सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत का मामला बेहद संवेदनदील बन चूका है। शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में किसान आज काला दिवस मना रहे हैं। 22 वर्षीय शुभकरन सिंह ने कर्ज माफी के लिए संघर्ष किया, लेकिन दुर्भाग्य से इसे मंजूर किए जाने से पहले ही उसका निधन हो गया। परिवार पर अभी भी 10 लाख रुपये का कर्ज है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायताn उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की घोषणा की है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बठिंडा के युवा किसान शुभकरन की दुखद मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद पुलिस में मामला दर्ज कर जांच शुरू की जायेगी।  इसके साथ ही मान ने केंद्र सरकार से किसानों के नेताओं के साथ फिर से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया ताकि उनकी जायज मांगों को हल किया जा सके। सीएम मान ने घोषणा की कि शुभकरन की मृत्यु के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए पूरी जांच की जाएगी।

बताते चलें कि शुभकरन की मां की पहले ही मौत हो चुकी है और उनके पिता एक स्कूल वैन चलाकर अपना गुजारा कर रहे थे। कर्ज माफ़ी की संभावना से प्रेरित होकर शुभकरन किसानों के विरोध में शामिल हो गया था। वह बीकेयू (एकता सिद्धूपुर) समूह के सदस्य था। अपना कर्ज माफ होने की संभावना से प्रेरित होकर ही शुभकरन किसानों के विरोध में शामिल हुआ था।

उधर हिसार के खेड़ी चौपटा के पक्के मोर्चे पर किसानों ने दोपहर 2 बजे के बाद खनौरी बॉर्डर की ओर कूच की घोषणा की है। किसान खनौरी बॉर्डर पर जाने की जिद पर अड़े हैं। प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ी, वाटर कैनन, एंबुलेंस मौके पर तैनात हैं। किसान नेता सुरेश कोथ व विकास सीसर ने कहा कि किसान दोपहर करीब दो बजे खनौरी बॉर्डर के लिए कूच करेंगे। यदि  प्रशासन ने खलल डालने की कोशिश की, तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

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