नई दिल्ली। अपनी आजीविका चलाने के लिए लोग दिन रात मेहनत करते हैं। कोई नौकरी करता है, तो कोई व्यापार। अमूमन लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जोड़कर रखना पसंद करते हैं। पैसे के साथ कई ऐसी चीजें भी होती हैं जिन्हें लोग संभालकर रखते हैं। जैसे- ज्वेलरी, कीमती सामान और प्रॉपर्टी के पेपर्स आदि। एकल परिवार होने की वजह से कई बार घरों में ताला बंद रहता हैं ऐसे में लोग इन्हें घर में रखने की बजाय बैंक रखना पसंद करते हैं। इसके लाये वे बैंक से लॉकर की सुविधा लेते हैं।
ऐसे में अगर आप पहली बार लॉकर की सुविधा लेने जा रहे हैं तो इस बारे में आपको कुछ बातों को जान लेना चाहिए ताकि बाद में किसी भी तरह की परेशानी न हो। तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि बैंक में लॉकर सुविधा लेने से पहले किन बातों को जान लेना चाहिए।
अधिकतर बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर सुविधा उपलब्ध कराता है। वहीं, अगर आरबीआई के नियमों की मानें तो कोई भी ग्राहक बिना बैंक में खाता खुलवाए भी लॉकर की सुविधा प्राप्त कर सकता है। कई बैंक लोगों को लॉकर के किराए और अन्य शुल्क के सिक्योरिट चार्ज बताकर परेशान करते हैं और बिना बैंक में खाता खुलवाए लॉकर देने में आनाकानी भी करते हैं।
अगर आप बैंक में लॉकर की सुविधा ले रहे हैं तो इसमें भी आपको बैंक खाते की ही तरह से किसी को नॉमिनी बनाना होता है क्योंकि अगर ग्राहक की अचानक मौत हो जाये तो एक प्रोसेस को फॉलो करने के बाद नॉमिनी को लॉकर की जिम्मेदारी दे दी जाये। इसके साथ ही अगर आप लॉकर को कभी बंद करवाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहल आपको लॉकर खाली करना होगा। पूरा किराया अदा करना होगा, लॉकर की चाबी बैंक सौंपनी पड़ेगी। तब जाकर आप इसे बंद करवा सकते हैं।
अगर लॉकर के सेफ होने की बात करें तो ये बैंक जितना ही सुरक्षित होता है। हालांकि, बैंक में लूटपाट होने की स्थिति में आपका लॉकर सुरक्षित नहीं रह सकता है लेकिन घर से अधिक सुरक्षित होता है लॉकर। बैंक लॉकर की दो चाबी होती है, जिसमें से एक ग्राहक के पास होती है जबकि एक बैंक के पास। यदि ग्राहक से कभी लॉकर की चाबी गुम हो जाती है, तो बैंक उसे अपनी वाली चाबी पेनल्टी के बाद देता है।
वैसे तो बैंक ग्राहक का लॉकर कभी भी नहीं खोलता है, लेकिन हाई रिस्क वाले लॉकर्स को अगर एक साल तक नहीं ऑपरेट किया जाता है तो बैंक ग्राहक को नोटिस भेजकर लॉकर का ताला तोड़ सकता है और इसका भी हर्जाना ग्राहक को ही भरना पड़ेगा।