निजीकरण के विरोध में साझा संघर्ष करेंगे श्रम संगठन, लखनऊ में होगा विशाल सम्मेलन

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LUCKNOW। सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में केंद्र व राज्य के श्रम संघों ने निर्णायक संघर्ष की घोषणा की है। श्रम संघों और सेवा संगठनों शनिवार को राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल में संयुक्त बैठक कर सभी सार्वजनिक उपक्रमों व विभागों की एक संयुक्त संघर्ष समिति गठित कर साझा संघर्ष करने का निर्णय लिया। बैठक में रेलवे, बैंक, बिजली, एलआईसी, एचएम्एस, सीटू, एटक, राज्य कर्मचारी, शिक्षक, यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन समेत सरकारी विभागों के कई श्रम संघ सम्मिलित हुए ।

सभी श्रम संघों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 15-16 मार्च को हो रही बैंक कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल व 17-18 मार्च को हो रही बीमा कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का यूपी के 16 लाख कर्मचारी व शिक्षक पुरजोर समर्थन करेंगे। यह नीतिगत निर्णय लिया गया कि निजीकरण के विरोध में जिस भी सेक्टर के कर्मचारी में संघर्ष करेंगे उनका संयुक्त समर्थन किया जाएगा।

बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल माह में लखनऊ में सार्वजनिक व सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों व अधिकारियों का एक विशाल सम्मेलन किया जायेगा। सम्मेलन में निजीकरण का विरोध, पुरानी पेंशन की बहाली और संविदा कर्मियों का नियमितीकरण मुख्य विषय होंगे।

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बैठक में ऑल इण्डिया रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र, ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के कार्यकारी अध्यक्ष जीवी पटेल, ऑल इण्डिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन के उप्र के महामंत्री दिलीप चौहान, यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक इम्प्लाईज के उप्र के अध्यक्ष वाईके अरोड़ा, राज्य कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ यादव, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्र, एलआईसी ऑफिसर्स एसोसिएशन के महामंत्री डीपी सिंह, हिन्द मजदूर सभा के गिरीश पाण्डेय, एटक के सदरूद्दीन राना, सीटू के प्रेमनाथ राय, इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस निरंजन ऑल इण्डिया पेंशनर्स परिषद के अध्यक्ष शिव शंकर दुबे, राष्ट्रीय शैक्षिक संघ की रीना त्रिपाठी, कारपोरेशन बैंक इम्प्लॉइज यूनियन के धर्मेन्द्र अवस्थी, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी प्रभात सिंह समेत अनेका कर्मचारी नेता शामिल थे ।

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