
NEET success: कहते हैं कि अगर किसी भी काम में कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता निश्चित है। अब मजदूरी करने वाले एक युवक की ऐसी ही कहानी सामने आई है। लोगों के घरों तक ईंटें पहुंचाने के लिए उन्हें रोज 300 रुपये मिलते थे। मजदूरी करते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई कभी नहीं छोड़ी। इसी के चलते आज वह परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होकर अपने सपने को पूरा करने की राह पर है।
नीट परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। लाखों छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, मगर उनमें से सभी सफल नहीं होते। अगर कोई कड़ी मेहनत करे तो सफलता प्राप्त कर सकता है। पश्चिम बंगाल के 21 वर्षीय सरफराज आज युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गए हैं।
ईंटें उठाकर 300 रुपये प्रतिदिन कमाने के बावजूद सरफराज डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सरफराज ने NEET 2024 परीक्षा में 720 में से 677 अंक हासिल किए। वह सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक मजदूरी करता और फिर शाम को पढ़ाई करता। कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया और उनकी क्षमताओं पर संदेह किया, मगर सरफराज ने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और सफलता हासिल की।
सरफराज भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन एक गंभीर दुर्घटना के कारण उन्हें अपना लक्ष्य छोड़ना पड़ा। कोविड के दौरान उन्होंने पढ़ाई के लिए एक फोन खरीदा, जो भी उधार लिया था। पैसे की कमी के कारण उन्होंने एक ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन कोचिंग ली।
एग्जाम पास करने के बाद कही ये बात
एक इंटरव्यू के दौरान सरफराज ने बताया कि वह सुबह 6 बजे उठकर काम पर चले जाते थे। फिर वह दोपहर दो बजे पढ़ने के लिए घर वापस चला जाता था। एक घंटा सोने के बाद मैं ऑनलाइन लेक्चर देखकर पढ़ाई और रिवीजन करता था। हम पिछले वर्ष के प्रश्न भी हल करते थे। डॉक्टर बनने के बाद वह ऐसे लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएंगे जो इलाज का महंगा खर्च वहन नहीं कर सकते।