Up Kiran, Digital Desk: क्या आप भी सोचते हैं कि भारत की राजनीति में परिवारवाद (Dynasty Politics) कितना गहरा है, और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का परिवार इसका सबसे बड़ा उदाहरण कैसे है? बिहार की राजनीति में हमेशा ही लालू परिवार की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन अब एक ताज़ा अपडेट आई है जो उनके 'विशाल' परिवार को फिर से चर्चा में ले आई है. कौन हैं आरजेडी सुप्रीमो (RJD Supremo) के इस व्यापक परिवार वृक्ष (Family Tree) में शामिल सदस्य, और हालिया बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) के बाद क्या उनके अपने घर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, इस पर सवाल उठ रहे हैं!
लालू यादव: बिहार की राजनीति का 'केंद्र बिंदु'
लालू प्रसाद यादव न सिर्फ़ आरजेडी के सुप्रीमो हैं, बल्कि बिहार की राजनीति का एक ऐसा केंद्र बिंदु हैं, जिनके परिवार का हर सदस्य किसी न किसी तरह से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहा है.
- पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री: राबड़ी देवी, उनकी पत्नी, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
- बेटे, तेजस्वी और तेज प्रताप: उनके दो बेटे, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, बिहार की राजनीति में प्रमुख चेहरे हैं. तेजस्वी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे हैं और पार्टी के युवा चेहरा हैं. तेज प्रताप यादव भी विधायक हैं और अपनी मुखर बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं.
- बेटियाँ, रोहिणी आचार्य और मीसा भारती: उनकी बेटियाँ भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं. मीसा भारती राज्यसभा सांसद हैं, वहीं रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं और हाल ही में उन्होंने कुछ ऐसे बयान दिए हैं जिससे परिवारिक कलह की बात सामने आई है.
इस बड़े परिवार का हर सदस्य अक्सर राजनीतिक चर्चाओं में बना रहता है.
हालिया चुनाव के बाद क्या परिवार में सब ठीक नहीं?
हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लालू परिवार के भीतर 'दरार' की ख़बरें आ रही हैं. सूत्रों और रोहिणी आचार्य के कुछ सार्वजनिक बयानों के अनुसार:
- आंतरिक कलह: ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए कुछ अंदरूनी मतभेद हैं.
- रोहिणी आचार्य का निशाना: रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से कुछ ऐसी पोस्ट्स डाली हैं, जिन्हें तेजस्वी यादव और पार्टी के नेतृत्व पर निशाना साधा हुआ माना जा रहा है. इन बयानों ने परिवार की आंतरिक दरार को सार्वजनिक कर दिया है.
राजनीतिक विश्लेषक इस घटनाक्रम को लालू परिवार और आरजेडी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के तौर पर देख रहे हैं. अगर परिवार के भीतर सब कुछ ठीक नहीं रहता, तो इसका असर पार्टी के संगठन और अगले चुनावों के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है.
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