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कुछ साल पहले तक यह माना जाता था कि शुगर, हृदय रोग और रक्तचाप जैसी बीमारियाँ सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को ही होती हैं। हालांकि, बदली हुई जीवनशैली, गलत आदतों, गलत खान-पान के कारण पूरा चक्र बिगड़ गया है।

आजकल कम उम्र में ही कुछ ऐसे शारीरिक लक्षण दिखने लगते हैं, जो हमें इन गंभीर बीमारियों का सुराग देते हैं। वर्तमान में 20-30 आयु वर्ग के लोगों में भी कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो सीधे तौर पर हृदय रोग के खतरे का संकेत देते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, थकान और चिंता को इग्नोर नहीं करना चाहिए। आजकल कम उम्र में ही हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों से मौत की दर बढ़ रही है। बताया जाता है कि 20 से 30 आयु वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है।

विशेषज्ञों के मुताबिक कम उम्र में दिखने वाले मामूली लक्षण समय के साथ दिल की बीमारी का कारण बन सकते हैं। हृदय रोग के रोगी अक्सर चिंतित या भयभीत महसूस करते हैं। डॉक्टर के मुताबिक निरंतर दिल की धड़कन बदलने, दर्द और तनाव की समस्या के कारण डर बढ़ जाता है।

अगर आपकी उम्र 20-30 के बीच है और आप भी इन कारणों से निरंतर डर और चिंता महसूस करते हैं तो आपको समय पर उचित जांच करवा लेनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जब धमनियों में परिधीय धमनी रोग की समस्या होती है, तो वे पतली या अवरुद्ध होने लगती हैं।

जब पैरों की धमनियों में ऐसा होता है तो दर्द शुरू हो जाता है। कम उम्र में होने पर यह खतरनाक संकेत हो सकता है। जिन लोगों को दिल की समस्या होती है उन्हें पेट से जुड़ी समस्या भी होती है। पेट के ऊपरी हिस्से में अचानक दर्द होना ठीक नहीं है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आ सकता है।

थकान दिल का दौरा या दिल का दौरा पड़ने का एक महत्वपूर्ण लक्षण नहीं हो सकता है, मगर यह घातक हो सकता है। पूरी नींद न लेने पर भी थकान हो सकती है, मगर अगर आपको बार-बार थकान होती है तो आपको जांच करानी चाहिए।

नोट- ऊपर दी गई जानकारी मान्यताओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है। ज्यादा जानकारी के लिए किसी डॉक्टर से सलाह लें।

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