img

Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी जीवित बेटी को सार्वजनिक रूप से मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे प्रदेश में सामाजिक रिश्तों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब पिता ने एक पारंपरिक शोक पत्रिका छपवाकर बेटी की मृत्यु की घोषणा की। यही नहीं, उन्होंने बाकायदा उसका श्राद्ध कर्म भी आयोजित कर डाला। पत्रिका में लिखा गया, “अत्यंत दुख के साथ सूचित किया जाता है कि श्री भैरूलाल जोशी की सुपुत्री पूजा बाई अब हमारे बीच नहीं रहीं।”

पारिवारिक विवाद बना वजह

इस पूरे घटनाक्रम की जड़ में पारिवारिक असहमति और सामाजिक मान-मर्यादा से जुड़ी भावनाएं नजर आती हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूजा बाई का विवाह 25 अप्रैल 2025 को संजय तिवाड़ी नामक युवक से हुआ था। लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद, 29 जुलाई को पूजा अपने पति को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति के साथ चली गई। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति संजय का कोई रिश्तेदार है, जिससे पूजा का प्रेम संबंध था।

बेटी के इस कदम से आहत परिवार ने पहले तो मामले को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा और पूजा ने थाने में अपने ही पिता के खिलाफ बयान दे दिया, तो भैरूलाल जोशी ने इसे व्यक्तिगत अपमान समझा। उन्होंने समाज के सामने यह ऐलान कर दिया कि "अब मेरी बेटी मेरे लिए मर चुकी है।"

सांस्कृतिक मान्यताओं की आड़ में भावनात्मक प्रतिक्रिया

पिता ने अपने बयान में कहा, “जब वह पुलिस स्टेशन में गई और हमारे खिलाफ बयान दर्ज करवाया, तो हमने मान लिया कि अब हमारे लिए वह दुनिया में नहीं रही।” इसी सोच के आधार पर उन्होंने शोक पत्रिका छपवाई और धार्मिक विधि-विधान के साथ बेटी का श्राद्ध भी कर डाला।

--Advertisement--