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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के जोधपुर जिले से एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर हर किसी का कलेजा कांप गया। एक माँ, जिसे अपने बच्चों की रक्षक माना जाता है, उसी ने पहले अपने तीन जिगर के टुकड़ों की जान ले ली और फिर खुद भी मौत को गले लगा लिया। इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा है और हर कोई बस यही सवाल पूछ रहा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि एक माँ इतनी बेरहम हो गई।

क्या है यह दिल दहला देने वाली कहानी?

 

यह घटना जोधपुर के एक गांव की है। यहां रहने वाली एक 30 साल की महिला ने पहले अपने तीन मासूम बच्चों, जिनकी उम्र 8, 5 और 3 साल बताई जा रही है, को मौत के घाट उतारा और उसके बाद खुद फांसी पर झूल गई। इस खौफनाक कदम का पता तब चला जब पड़ोसियों ने काफी देर तक घर में कोई हलचल नहीं देखी।

जब लोगों ने दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई जवाब नहीं आया, तो उन्हें किसी अनहोनी का शक हुआ। दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का मंजर देखकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में तीनों बच्चे बेजान पड़े थे और उनकी माँ फंदे से लटकी हुई थी।

क्यों उठाया माँ ने यह खौफनाक कदम?

 

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन पहली नजर में यह मामला गहरे पारिवारिक कलह का लग रहा है। पड़ोसियों और शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि महिला का अपने परिवार में किसी बात को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था।

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि रोज-रोज के झगड़ों और मानसिक तनाव से तंग आकर महिला इस हद तक टूट गई कि उसे अपने बच्चों के साथ अपनी जान देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं सूझा। पुलिस फिलहाल महिला के पति और ससुराल के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है, ताकि इस दर्दनाक कहानी के पीछे का असली सच सामने आ सके।

यह घटना अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है। क्या उस महिला के दर्द को किसी ने समझने की कोशिश नहीं की? क्या घरेलू विवाद किसी की जान लेने तक पहुंच सकता है? पूरा गांव इस सोच में डूबा है कि काश, किसी ने उस माँ के दिल का हाल वक्त रहते जान लिया होता, तो आज चार जिंदगियां यूं खत्म न होतीं।