नई दिल्ली। आज कल भागदौड़ की वजह से लोगों का खानपान काफी खराब हो गया है। ऐसे में अब अधिकतर लोग लिवर से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई मामलों में इसके लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। दरअसल, खाना पचाने से लेकर शरीर को डिटॉक्स करने तक में लिवर की भूमिका अहम होती लेकिन कई स्थितियां ऐसी होती हैं जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता। इसका कारण लिवर से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है।
क्या है लिवर फाइब्रोसिस
जब लिवर में फैट जमा हो जाता है तो वह लिवर को डैमेज भी करता है। इसे स्कारिंग भी कहते हैं। लिवर सामान्य तुलना में थोड़ा अधिक कड़ा हो जाता है। लिवर फाइब्रोसिस फैटी लिवर का अगला स्टेज होता है।
एक्सपर्ट कहते है कि लिवर फाइब्रोसिस तब होता है जब लिवर में किसी तरह की इंजरी या इंफ्लामेशन होता है। लिवर फाइब्रोसिस की बीमारी में लिवर के हेल्दी टिशूज पर घाव हो जाते हैं जिससे वह ठीक से काम नहीं कर पाता।
फाइब्रोसिस से घायल हुए टिशूज लिवर में ब्लड के फ्लो को ब्लॉक कर देते हैं जिससे लिवर कोशिकाएं मर जाती हैं और टिशूज को नुकसान पहुंचने लगता है। फाइब्रोसिस लिवर डैमेज की पहली स्टेज है लेकि जब लिवर इससे भी अधिक डैमेज हो जाता हैं तो इसे लिवर सिरोसिस कहते हैं। ये लिवर की एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में लीवर को ट्रांसप्लांट (कराने की नौबत आ जाती है। हालांकि शुरुआती स्टेज में दवाओं और लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करके फाइब्रोसिस को सिरोसिस तक पहुंचने से रोका जा सकता है।
लक्षण
लिवर फाइब्रोसिस का पता माइल्ड या मॉडरेट स्टेज पर नहीं लग पाते। इसके लक्षण देरी से नजर आते हैं। इसमें कमजोरी महसूस होना, आंखे पीली होना, पेट में दर्द और सूजन होना, उल्टी होने, स्किन में अधिक खुजली होना, भूख में कमी, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता में कमी और अचानक वजन कम होने जैसे दिक्कतें होने लगती हैं।
इन बातों का रखें ख्याल