_1503978276.png)
Up Kiran, Digital Desk: पूर्णिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) एक बार फिर विवादों में है। शनिवार को हुए सड़क हादसे के बाद अस्पताल की लापरवाही ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि तीन घायलों को बिना पूरी जांच किए मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन पोस्टमार्टम से पहले ही एक युवक के जिंदा होने का खुलासा हो गया।
हादसा और अस्पताल का दावा
शनिवार दोपहर करीब तीन बजे नगर थाना क्षेत्र के झुननी पेट्रोल पंप के पास दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों सवार बुरी तरह घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तत्काल घायलों को GMCH पहुंचाया, जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया।
पोस्टमार्टम से पहले सांस चलती दिखी
तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जब तीसरे युवक की जांच शुरू हुई तो वहां मौजूद लोगों ने देखा कि वह हल्की-हल्की सांस ले रहा है और उसके मुंह से खून निकल रहा है। यह नजारा देखते ही परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। वे शव को उठाकर सीधे इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़े और इलाज की मांग करने लगे।
हंगामा और डॉक्टर पर गुस्सा
इमरजेंसी वार्ड में बढ़ते हंगामे से घबराए डॉक्टर वहां से निकलने लगे। गुस्साए लोगों ने एक डॉक्टर को पकड़ लिया और युवक का तत्काल इलाज शुरू करने पर जोर दिया। हालांकि, जांच के बाद डॉक्टरों ने फिर से उस युवक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई और हालात को संभालने के लिए कई थानों की पुलिस को बुलाना पड़ा।
एक ही गांव के थे तीनों युवक
इस हादसे में जिनकी मौत हुई, उनकी पहचान अररिया जिले के बौसी बसैठी थाना क्षेत्र के फरकिया गांव के रहने वाले नूर मोहम्मद के बेटे मोहम्मद निजाम, स्व. जीवछ लाल रजक के बेटे रंजीत रजक और नाजिर हुसैन के बेटे मोहम्मद शाहबुद्दीन के रूप में हुई। तीनों एक ही गांव के निवासी थे, जिस कारण पूरे इलाके में गम और गुस्से का माहौल है।
--Advertisement--