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देवभूमि की सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल के रेस्क्यू को लेकर केंद्र और राज्य की अलग अलग एजेंसियां बहुत मेहनत काम कर रही हैं, पर ये एजेंसियां 14 दिन बाद भी मजदूरों को बाहर निकालने में नाकाम हुई हैं। इसका कारण कभी ऑगर मशीन में ड्रिलिंग के दौरान टेक्निकल फाल्ट आना तो कभी मशीन के रास्ते में टनल के सरिया, रॉड और मलबा आने के चलते दुशवारी पैदा होना है।

इसके चलते बीते तीन दिन से मजदूरों के बाहर निकालने में आज और कल हो रहा है। अब यही प्रश्न है कि आखिर कब तक सभी श्रमिक सुरंग से सही सलामत बाहर आ सकें? इसको लेकर सीएम धामी सिलक्यारा आज फिर पहुंचे और वे सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल दुर्गटना में रेस्क्यू कर रही सभी एजेंसियों के साथ हाई पावर कमेटी की मीटिंग कर रहे हैं। इसमें कई दिग्गज अफसर भी उपस्थित हैं।

जिससे मशीन से काफी उम्मीद वो भी फुस्स!

विश्व के चौथी सबसे बड़े उत्तरकाशी में मौजूद सिलक्यारा टनल में बचाव अभियान में बीते 14 दिनों से 41 मजदूरों को निकालने का अभियान जारी है। अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग ही मजदूरों को बाहर निकालने का एक बड़ी उम्मीद थी, पर मशीन के भीतर बार-बार लोहे के टुकड़े फंसने से ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है।

बीते शुक्रवार लगभग दो मीटर की ड्रिलिंग के बाद फिर से तकनीकी समस्या हो गई यानि कुछ समय और लगेगा। अब रेस्क्यू ऑपरेशन में एक रात और खिंच गई। इसमें दुनिया भर की बेस्ट मशीन लगाई गई फिर भी पहाड़ के आगे मशीनों घुटने टेक दिए, मगर बचाव अभियान में लगी टीमों ने हार नहीं मानी है, जो बड़ी बात है।

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