महराजगंज। घुघली ब्लाॅक के एक गाँव के निवासी करीब 14 वर्षीय किशोर ने नौ माह नियमित दवा खाकर एमडीआर ( मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस) टीबी को मात दे दी है। किशोर के पिता ने बताया कि समय से जांच और इलाज का नतीजा रहा कि वह नौ महीने में पूरी तरह से ठीक हो गया। घुघली क्षेत्र के निवासी करीब 47 वर्षीय एक व्यक्ति ने बताया कि जनवरी 2021 के पहले सप्ताह से ही उनके 14 वर्षीय पुत्र को खांसी और बुखार की शिकायत शुरू हुई। खांसी के साथ बलगम भी आने लगा। भूख भी कम लगती थी। गांव के आसपास से मेडिकल स्टोर से दवा लाकर खिलाया लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। बच्चे को वजन भी घटने लगा। (MDR TB)
एक परिचित ने बच्चे को इलाज कराने के लिए परतावल लेकर चलने को कहा। उनकी बात मानकर परतावल ले गए, जहां पर एक निजी अस्पताल में एक्स-रे व जांच कराया गया। जांच में टीबी की पुष्टि हुई। इस बीच मेडिकल स्टोर तथा परतावल में निजी चिकित्सक से जांच व इलाज कराने में करीब पांच हजार रूपये खर्च हो गए। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर परिचित ने ही बताया कि सरकारी अस्पताल पर इस बीमारी की निःशुल्क दवा होती है। वह बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परतावल गए। वहां से पहले साधारण टीबी की निःशुल्क दवा शुरू की गयी। बच्चा दवा खा ही रहा था कि स्वास्थ्य विभाग ने उनके बच्चे की चार फरवरी 2021 को सीबीनाट मशीन से भी जांच कराई। रिपोर्ट से एमडीआर टीबी की पुष्टि हुई।
जिला क्षय रोग केन्द्र के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ड्रग टीबी ( पीएमडीटी) समन्वयक अतुल दीक्षित ने बताया कि 4 फरवरी 2021 को एमडीआर टीबी की पुष्टि होने के बाद 8 फरवरी 2021 से उक्त किशोर की दवा बदल कर एमडीआर टीबी की दवा शुरू की गयी। दवा नौ माह यानि 18 नवम्बर 2021 तक चली। सबसे अच्छी बात यह रही कि किशोर ने दवा नियमित रूप से खाकर एमडीआर टीबी को मात दे दी। अब किशोर पूरी तरह से स्वस्थ है।(MDR TB)
किशोर के पिता ने बताया कि समय से जांच और इलाज शुरू करने का नतीजा रहा कि उनका बेटा स्वस्थ हो गया। चिकित्सक के बताने के अनुसार एक भी दिन दवा गैप नहीं होने दिया। बच्चे के खानपान और पौष्टिक आहार पर विशेष ध्यान दिया। नि:क्षय पोषण योजना के तहत मिले 4500 रुपये से बच्चे को सूखा फल, मांस, एवं अन्य पौष्टिक आहार खिलाने में ही खर्च किया। उन्होंने कहा कि यदि किसी को भी टीबी के लक्षण दिखे तो तत्काल सरकारी अस्पताल पर जाकर जांच और इलाज कराएं। जांच और इलाज निःशुल्क होता है। पौष्टिक आहार के लिए इलाज चलने की अवधि तक प्रति माह 500 रूपये भी मिलता है। (MDR TB)
यह लक्षण दिखे तो कराए जांच(MDR TB)
जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.वीरेंद्र आर्य ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को लगातार 14 दिनों से बुखार आता हो, खांसी में खून आता हो, वजन घट रहा हो, थकान महसूस हो रही हो और सांस लेने में तकलीफ़ होती हो तो उसे जांच कराना चाहिए । यह टीबी का लक्षण हो सकता है। पूरे जिले में 27 स्थानों पर बलगम जांच की सुविधा उपलब्ध है। (MDR TB)
वर्ष 2021 में ठीक हो गए 55 एमडीआर रोगी (MDR TB)
डिस्ट्रिक्ट पीएमडीटी समन्वयक ने बताया कि वर्ष 2021 में कुल 55 एमडीआर टीबी के मरीज ठीक हो गए, जबकि वर्ष 2022 में एमडीआर तथा एक्सडीआर टीबी के 116 मरीजों का इलाज चल रहा है।(MDR TB)
2167 टीबी रोगियों को 48.38 लाख का हुआ भुगतान
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक हरिशंकर त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2022 में अक्टूबर तक 2690 रोगियों के सापेक्ष 2167 रोगियों को नि:क्षय पोषण योजना के तहत 48.38 लाख का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है।(MDR TB)
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