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Up kiran,Digital Desk : दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने एक ऐसी कार्रवाई की है, जिसने अपराधियों के पसीने छुड़ा दिए हैं। अक्सर हम फिल्मों में देखते हैं कि पुलिस अचानक हरकत में आती है और एक ही रात में पूरे इलाके की सफाई कर देती है। कुछ ऐसा ही नजारा दिल्ली के वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में देखने को मिला। 'ऑपरेशन कवच 11.0' के तहत पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ताबड़तोड़ छापेमारी कर अपराधियों की नींद उड़ा दी है।

इस 'महा-अभियान' के आंकड़े और कार्रवाई का तरीका बताता है कि पुलिस अपराध को जड़ से मिटाने के लिए किस हद तक तैयार है।

दिल्ली की सड़कों पर अपराधियों के लिए 24 नवंबर की शाम से लेकर 25 नवंबर की शाम का वक्त काफी भारी गुजरा। वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने 'ऑपरेशन कवच 11.0' के तहत एक ऐसा मेगा ऑपरेशन चलाया, जिसमें न तो जुआरी बचे और न ही नशा बेचने वाले तस्कर। 24 घंटे तक चले इस सघन अभियान ने इलाके में कानून का डंका बजा दिया है।

क्या-क्या हुआ इस एक दिन में?

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि उनकी तैयारी कितनी पुख्ता थी।

  • गिरफ्तारियां: पुलिस ने कुल 166 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये वो लोग हैं जो किसी न किसी अवैध गतिविधि में शामिल थे।
  • हिरासत में संदिग्ध: करीब 627 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पुलिस को शक था कि ये लोग अपराध की योजना बना रहे हैं या माहौल खराब कर सकते हैं।
  • शराब की बरामदगी: अवैध शराब तस्करों के लिए यह रात 'काली रात' साबित हुई। पुलिस ने 2,784 क्वार्टर अवैध शराब जब्त की, जो गलियों में छुपकर बेची जा रही थी। साथ ही 48,250 रुपये नकद भी बरामद हुए।

12 थाने, स्पेशल स्टाफ और 71 टीमें

यह कोई मामूली कार्रवाई नहीं थी। डीसीपी (वेस्ट) की अगुवाई में जिले के सभी 12 थानों की पुलिस, स्पेशल स्टाफ, एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड और टेक्निकल टीमों ने मिलकर काम किया। कुल 71 टीमें बनाई गईं थीं, जिनका काम था इलाके का कोना-कोना छान मारना।

इन टीमों ने उन जगहों पर फोकस किया जो अक्सर पुलिस की नजर से बच जाती हैं—जैसे औद्योगिक क्लस्टर्स (फैक्ट्री वाले इलाके), झुग्गी-झोपड़ियां और सुनसान सड़कें। जो रास्ते शराब की तस्करी के लिए इस्तेमाल होते थे, वहां पुलिस ने कड़े नाके लगा रखे थे।

अपराधियों का बचना था नामुमकिन

पुलिस का मकसद साफ़ था—इलाके से नशा, जुआ और अवैध हथियार खत्म करना।

  • हॉटस्पॉट्स (जहां अपराध ज्यादा होते हैं) पर सरप्राइज रेड मारी गईं।
  • देर रात तक सड़कों पर मोबाइल गश्त और बैरिकेडिंग कर चेकिंग की गई।
  • सबसे खास बात यह रही कि पारदर्शिता (Transparency) बनाए रखने के लिए पुलिस ने अपनी हर कार्रवाई की फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की, ताकि बाद में कोई सवाल न उठा सके।

इस कार्रवाई से आम जनता ने राहत की सांस ली है, वहीं असामाजिक तत्वों में खौफ का माहौल है। ऑपरेशन कवच ने यह संदेश साफ़ दे दिया है कि दिल्ली में अपराधियों के लिए अब कोई भी कोना सुरक्षित नहीं है।