
नई दिल्ली। पूर्वी हिन्द महासागर (Eastern Indian Ocean) में 4 चीनी सर्वेक्षण जहाज समुद्र तल की मैपिंग कर रहे हैं। इसका खुलासा सेटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। आशंका है कि एकत्र किए गए डेटा पनडुब्बी युद्ध के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक हो सकते हैं। पहले भी अक्सर चीनी सर्वेक्षण जहाज विशेष रूप से हिन्द महासागर में सक्रिय रहे हैं। वे समुद्री तल का व्यवस्थित मानचित्रण करते रहे हैं। हिन्द महासागर के विशाल समुद्र में व्यवस्थित रूप से मैपिंग करना चीन के बड़े अभियान का एक हिस्सा हो सकता है।

Eastern Indian Ocean में चीनी सर्वेक्षण जहाज जियांग यांग होंग-03 देखा जा रहा
मौजूदा समय में हिन्द महासागर में एक चीनी सर्वेक्षण जहाज जियांग यांग होंग-03 देखा जा रहा है। इसे लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है क्योंकि कोई भी जानकारी साझा किये बगैर इसकी मौजूदगी इंडोनेशियाई प्रादेशिक जल में देखी गई है। (Eastern Indian Ocean)
अब सेटेलाइट तस्वीरों से चीन द्वारा हिन्द महासागर के विशाल समुद्र में व्यवस्थित रूप से मैपिंग करने का खुलासा हुआ है जो चीन के बड़े अभियान का एक हिस्सा हो सकता है। MarineTraffic.com के मुताबिक पोत ट्रैकिंग डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि यह पहली बार नहीं है जब इस जहाज ने हिन्द महासागर क्षेत्र का दौरा किया है बल्कि यह पहले भी चीनी सर्वेक्षण में शामिल रहा है। Intel-lab.net के साथ साझेदारी में विश्लेषण किया गया है कि नागरिक अनुसंधान का संचालन करने के साथ-साथ ये जहाज नौसेना के योजनाकारों के लिए जानकारी एकत्र कर रहे हैं। (Eastern Indian Ocean)
विश्लेषण में कहा गया है कि चीन का हाइड्रोग्राफिक डेटा इकट्ठा करना नागरिक सुरक्षा के लिहाज से बड़ी आशंका पैदा करता है क्योंकि इसका उपयोग नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। पूर्वी हिन्द महासागर में चीनी नौसेना इसलिए विशेष रुचि ले रही है क्योंकि वह अपनी पनडुब्बी क्षमताओं का विस्तार करना चाहती है। (Eastern Indian Ocean)
इन सर्वेक्षणों के डेटा से चीन को अपनी पनडुब्बियों को नेविगेट करने में मदद मिल सकती है या आगे की संभावनाओं में सुधार हो सकता है। इंडोनेशिया और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पास चीन की सर्वेक्षण गतिविधियां, अमेरिकी नौसेना के प्रतिष्ठित ‘फिश हुक’ सेंसर नेटवर्क को खोजने से संबंधित हो सकती हैं। इन सेंसरों को हिन्द महासागर में प्रवेश करने वाली चीनी पनडुब्बियों को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। (Eastern Indian Ocean)
जहाज पिछले दो वर्षों में विशेष रूप से सक्रिय रहे हैं
Eastern Indian Ocean में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (ओएसआईएनटी) के विश्लेषकों ने चीन सरकार के सर्वेक्षण जहाजों पर नजर रखनी शुरू की तो अब खुलासा हुआ है कि चीन के चार जियांग यांग होंग शोध जहाज पिछले दो वर्षों में विशेष रूप से सक्रिय रहे हैं। राज्य महासागरीय प्रशासन द्वारा संचालित ये जहाज पिछले दशक में बनाए जा रहे जहाज़ों की अपेक्षाकृत नए हैं।
इससे यह साबित होता है कि चीन अपने सर्वेक्षण जहाज के बेड़े को कितना महत्व देता है। इन 4 जहाजों में से दो जियांग यांग होंग-01और दो अन्य जहाज -16 निन्यानवे रिज पर समुद्र की काफी गहराई में गहन खोज अभियान का संचालन कर रहे हैं। निन्यानवे रिज पर ध्यान केंद्रित करने का कारण पनडुब्बी संचालन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। (Eastern Indian Ocean)
चीन ने दिसम्बर, 2019 में जियांग यांग होंग-06 को Eastern Indian Ocean में तैनात किया था। यह इस संभावना को बढ़ाता है कि जियांग यांग होंग 06 के रूप में चीन अन्य जहाज ग्लाइडर को तैनात कर सकता है। सेटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ @detresfa_ नाम के ट्विटर हैंडल ने 03 दिसम्बर को Eastern Indian Ocean में पोर्ट ब्लेयर के पास चीनी जासूसी पोत चीनी रिसर्च वेसल शी यान 1 के मौजूद होने की जानकारी दी थी जिसे भारतीय नौसेना ने अपनी समुद्री सीमा के बाहर खदेड़ दिया था।
रक्षा विश्लेषक पहले से ही चीन की बढ़ती सर्वेक्षण जहाज बेड़े पर ध्यान केंद्रित करके भविष्य की क्षमताओं और योजनाओं के लिए सुराग तलाश रहे हैं। अब जियांग यांग होंग-03 की वर्तमान यात्रा को निकट से देखा जाएगा। (Eastern Indian Ocean)
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