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(खुलासा)

पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में एक और सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। मई की शुरुआत में पूर्वोत्तर राज्य में जातीय झड़पों के बाद से राहत शिविर में रह रही एक पीड़िता ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। महिला ने बताया कि अन्य महिलाओं की तरफ से अपने साथ हुई भयावहता के बारे में बोलने की खबरें देखने के बाद उन्होंने पुलिस के पास जाने का साहस जुटाया। महिला ने कहा, मैंने अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए घटना का खुलासा नहीं किया। 

महिला ने अपनी शिकायत में कहा क‍ि पांच-छह लोगों ने मुझे पकड़ लिया और गाली देना और मारना-पी‍टना शुरू कर दिया। मेरे विरोध के बावजूद मुझे जबरदस्ती नीचे गिरा दिया गया। इसके बाद उन्होंने मेरा यौन उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। मदद के लिए मेरे चिल्लाने के बावजूद किसी से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद कुछ और लोग उनके साथ शामिल हो गए। उस समय, मैं बेहोश हो गई थी। बाद में जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को एक घर में कुछ मेइती लोगों से घिरा हुआ पाया। पीड़ित महिला ने कहा कि इस शिकायत को दर्ज करने में देरी सामाजिक कलंक के कारण हुई। मैं यहां तक कि खुद को खत्म करना चाहती थी। 

पीड़िता का बयान बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। शिकायत के बाद, बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई और उसी दिन इस मामले को चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने 'अज्ञात कूकी बदमाशों' के खिलाफ एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सामूहिक बलात्कार, हमला, आपराधिक बल प्रयोग करने का मामला दर्ज किया है। 

बता दें कि हिंसा के दौरान दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का एक चौंकाने वाला मामला हाल ही में सामने आया था। जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो इसने पूरे देश को झकझोर दिया। 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। 18 मई को एफआईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में कार्रवाई तब हुई जब उस घटना का वीडियो वायरल हुआ।

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