नई दिल्ली॥ अक्सर आपने सुना होगा कि कैसे शादी बर्बादी में तब्दील हो जाती है, इसका उदाहरण मध्य प्रदेश के मण्डला जनपद में देखने को मिला। शादीशुदा लाइफ को लेकर जिले के नैनपुर में गांव के एक पीड़ित पति ने पुलिस-परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन देते हुए बताया कि शादी को 4 वर्ष हो गए, लेकिन उसकी वाइफ उसे करीब नहीं आने देती।
दोनों में 4 वर्षों में कभी भी मियां-बीवी जैसे संबंध ही नहीं बने। पीड़ित पति ने बताया कि उसकी पत्नी उसे पति नहीं, बल्कि भाई मानती है और उसके साथ भाई जैसा ही व्यवहार भी करती है। पति ने परामर्श केंद्र के सदस्यों और अफसरों को बताया कि उसकी शादी 2015 में हुई थी। हालांकि, उसकी पत्नी ने शादी के कुछ दिनों बाद ही बता दिया था कि उसने ये शादी अपने मां*बाप के दबाव में की है।
इतना ही नहीं, उसका कहीं और लव अफेयर भी रहा है। पति ने बताया कि विवाह के चार वर्षों तक वह इसी आशा में जीता रहा कि एक न एक दिन उसकी बीवी रिश्ता स्वीकार कर लेगी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। थक-हारकर उसने परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन देकर पत्नी को समझाने के लिए गुहार लगाई। अफसरों ने दोनों पक्षों को अगली पेशी पर फिर बुलाया है।
आपको बता दें कि गुजरात राज्य के अहमदाबाद में बीवी को एड्स होने के बाद पति ने पारिवारिक अदालत में मामला पेश कर तलाक की मांग की। अदालत ने तलाक की मांग खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ सबंध बनाने से ही HIV एड्स नहीं हो सकता, बल्कि इसके अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। इस कारण ही तलाक की आज्ञा असंभव है।