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हल्द्वानी में हिंसा के बाद अब्दुल मलिक उत्तराखंड से सीधे दिल्ली आ गाय। नौ तारीख की रात दिल्ली में शरण ली। तत्पश्चात गुजरात, मुंबई, चंड़ीगढ़ व भोपाल में जाकर छुप गया था। उत्तराखंड से यूपी व दिल्ली से एमपी तक उसने कुल सात प्रदेशों की सरहदें लांघी। पूरी भागदौड़ में कार का ही इस्तेमाल किया। अब्दुल मलिक बनभूलपुरा हिंसा का मास्टरमाइंड है।

उसे अवैध कब्जा हटाने के दौरान हिंसा होने का अंदेशा पहले से ही था। इसी हिसाब से उसने तैयारी की थी। घर वाले पहले ही कहीं चले गए थे। मलिक घटना के बाद अपनी कार से भागा। उत्तराखंड, यूपी से होते हुए राजधानी दिल्ली पहुंचा। पुलिस के दिल्ली पहुंचने की भनक लगते ही उसने अपना आगे की यात्रा करना शुरू कर दी।

पुलिस से बचाव के लिए उसने गुजरात, मुंबई व भोपाल में जाकर पनाह ली। पुलिस के मुताबिक, गुजरात, मुंबई व भोपाल में मलिक की रिश्तेदारी है। उसका खुद का भी साम्राज्य है। इसलिए कई दिन मुंबई व एमपी में छुपा रहा। जब पुलिस ने उसके करीबियों व संपत्ति की जानकारी जुटाई तो मलिक को पकड़े जाने का डर सताने लगा। इसलिए उसने वापस दिल्ली में आकर शरण ले ली।

वहीं, बैठकर हल्द्वानी अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अपील की। इससे पहले ही पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। पुलिस के मुताबिक, मलिक ने दिल्ली तक अपनी कार का इस्तेमाल किया। तत्पश्चा, पकड़े जाने के भय से अलग-अलग कार से एमपी तक गया और वापस दिल्ली आया। पुलिस की 6 टीमें उसके पीछे पड़ी थीं, मगर आखिर में कामयाबी पुलिस को मिली।

पुलिस ने अपने जासूसी पौंतरे को मजबूत कर दिया था। यही वजह रही कि शनिवार को वो हत्थे चढ़ गया।

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