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Up Kiran , Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनातनी के चलते पूरे देश में सतर्कता का माहौल है। ऐसे में देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) ने एक सराहनीय पहल करते हुए शहरवासियों की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम उठाया है। शहर के भीतर मौजूद 500 से अधिक बेसमेंट को आपातकालीन परिस्थितियों में बंकर के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित इन बेसमेंटों को युद्ध या अन्य आपदाओं की स्थिति में सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए एक विशेष टीम को निर्देशित कर दिया गया है जो इन बेसमेंटों की जांच और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करेगी।
क्या है योजना
देहरादून, पछवादून और परवादून क्षेत्रों में फैले इन बेसमेंटों को लेकर प्राधिकरण ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। इसमें स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि सभी बेसमेंट को पूरी तरह खाली रखा जाए ताकि उन्हें कभी भी तत्काल बंकर में बदला जा सके। इसके अलावा, इन बेसमेंटों में बिजली, पानी, साफ-सफाई और रैंप जैसी बुनियादी सुविधाओं की जांच की जा रही है।
प्राधिकरण द्वारा सेक्टरवार निरीक्षण भी शुरू कर दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बेसमेंट किसी प्रकार की रुकावट या अनुपयुक्त स्थिति में न हो।
बेसमेंट और बंकर में क्या फर्क जानें
यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर बेसमेंट और बंकर में क्या अंतर होता है। इसका उत्तर सरल है—उनकी बनावट और मकसद।
बेसमेंट एक इमारत का हिस्सा होता है जो मुख्य मंजिल से नीचे बना होता है। यह आमतौर पर रहने या भंडारण के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसमें खिड़कियां, दरवाजे और वेंटिलेशन होते हैं।
बंकर दूसरी ओर एक सुरक्षात्मक संरचना होती है जिसे खासतौर पर आपातकाल या युद्ध जैसी स्थितियों में सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया जाता है। ये स्टील या कंक्रीट जैसी मजबूत सामग्री से बने होते हैं और अक्सर अंधेरे, हवा और प्रकाश से संरक्षित होते हैं।
एमडीडीए का लक्ष्य इन बेसमेंटों को जरूरत के समय अस्थायी बंकर में तब्दील करना है ताकि शहरवासी किसी भी खतरे की स्थिति में सुरक्षित रह सकें।
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