इन लोगों के लिए धीमे जहर की तरह काम करता है दूध, जान लें ये जरूर बातें

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हेल्थ डेस्क। स्वास्थ्य के लिए दूध पीना फायदेमंद है। दूध पीने से हमारे शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं साथ ही की हमारे बाल, हमारी त्वचा और हड्डियां मजबूत होती हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके स्वास्थ्य के लिए दूध धीमे जहर की तरह काम करता है।

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आयुर्वेद के अनुसार, उन लोगों को दूध का सेवन करने से बचना चाहिए, जिन्हें फैटी लिवर की समस्या है। क्योंकि फैटी लिवर के कारण इन लोगों को दूध पचाने में दिक्कत आती है। साथ ही दूध के कारण इनके लिवर में सूजन और फैट दोनों में वृद्धि हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूध प्रोटीन से भरपूर होता है और फैटी लिवर के लोगों के लिए प्रोटीन का सेवन करना, उनके लिवर की सेहत को और अधिक खराब करता है।

दूध पीने से इसलिए बढ़ जाती है यह समस्या

फैटी लिवर वाले लोगों को लिवर पर फैट जमा होना, सूजन बढ़ना या फाइब्रॉइड्स होने की समस्याएं हो सकती हैं। ये सभी समस्याएं उस स्थिति में और अधिक गंभीर रूप ले लेती हैं, यदि पीड़ित व्यक्ति प्रोटीन युक्त डायट का सेवन करता रहे। और दूध तो प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्त्रोत होता है। इसलिए फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को दूध और दूध से बनी ज्यादातर चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

हालांकि दही और छाछ का सेवन आप लोग सीमित मात्रा में कर सकते हैं। छाछ में हींग और जीरे का तड़का लगाकर उसका उपयोग करना आपको मुख्य रूप से लाभ देगा। क्योंकि इससे आपके लिवर की अवशोषण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

क्या होता है फैटी लिवर?

फैटी लिवर की समस्या एक तरह का डिसऑर्डर है। इसमें व्यक्ति के लिवर पर अत्यधिक मात्रा में फैट यानी वसा का जमाव हो जाता है। इस कारण लिवर ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाता है। जब लिवर के काम करने की गति धीमी होती है तो इसका असर पूरे शरीर के मेटाबॉलिज़म पर पड़ता है।

जिन लोगों को फैटी लिवर की समस्या होती है, उनका पेट अक्सर खराब रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भोजन करने के दौरान आमतौर पर इन लोगों को सही समय पर पेट भरने का सिग्नल नहीं मिल पाता है। इस कारण ये लोग अपनी भूख से अधिक भोजन खा जाते हैं। इससे पेट में भारीपन, गैस, अपच, आलस, थकान और वजन बढ़ने या घटने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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