मोदी सरकार किसानों को दे सकती है एक और सौगात, जानें क्या

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सूत्रों के मुताबिक खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार फरवरी की पहली तारीख को पेश होने वाले 2022-23 के बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर लगभग 18 लाख करोड़ रुपए कर सकती है। वित्तीय वर्ष 16.5 लाख करोड़ रुपए है।

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आगे सूत्रों ने बताया कि सरकार प्रतिवर्ष कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज का लक्ष्य बढ़ा रही है और इस बार भी 2022-23 का टारगेट बढ़कर 18-18.5 लाख करोड़ रुपए हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि महीने के आखिरी हफ्ते में बजट को अंतिम रूप देते हुए इस संख्या को अंतिम रूप दिया जाएगा।

केंद्र बैंकिंग सेक्टर के लिए फसल ऋण लक्ष्य समेत वार्षिक कृषि कर्ज निर्धारित करती है। बीते कई सालों में कृषि ऋण प्रवाह में निरंतर इजाफा हुआ है, जो हर वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा होती है। 2017-18 में अन्नदाताओं को 11.68 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया, जो उस साल के लिए निर्धारित दस लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से बहुत ज्यादा है। इसी प्रकार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में 10.66 लाख करोड़ रुपए के फसल कर्ज वितरित किए गए, जो नौ लाख करोड़ रुपए के कर्ज लक्ष्य से अधिक है।

ऐसे पहुंचेगा किसानों को फायदा

आपको बता दें कि सरकार सात प्रतिशत प्रति वर्ष की प्रभावी दर से 3 लाख रुपए तक के अल्पकालिक कृषि ऋण सुनिश्चित करने के लिए किसानों को दो फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है। देय तिथि के भीतर कर्जों की शीघ्र अदायगी के लिए, अन्नदाताओं को 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाती है, जिससे ब्याज की प्रभावी दर चार फीसदी हो जाती है। इस प्रकार यदि सरकार कृषि कर्ज लक्ष्य को और बढ़ा देती है तो इससे अन्नदाताओं को लाभ होगा। अधिक किसान कर्ज ले सकेंगे।

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