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मोदी सरनेम को लेकर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।  गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद राहुल गांधी अपनी सजा पर रोक लगाने देश की सर्वोच्च अदालत पहुंचे हैं। इससे पहले इस मामले की सुनवाई 2 अगस्त को हुई थी। तब राहुल गांधी ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया था कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ है।

राहुल गांधी ने हलफनामा में कहा कि मानहानि केस में उन्हें अधिकतम सजा दी गई है, जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई। उन पर मुकदमा करने वाले पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज के नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए। मानहानि मामले में राहुल की लोकसभ सदस्यता के साथ उनका दिल्ली वाला घर भी छिन गया है। सुप्रीम कोर्ट अगर आज सजा पर रोक के फैसले को सही ठहराता है तो राहुल के लिए आगे की राह कठिन हो जाएगी। 

राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल को इस मामले में 23 मार्च 2023 को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। नियम के मुताबिक, सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक रहती है। ऐसे में 2025 में उनकी सजा पूरी होगी और उसके बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। 

बता दें कि पिछले महीने 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि केस में राहुल की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा था, राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है। 

गौरतलब है कि गुजरात से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ उनकी इस टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है। उक्त टिप्पणी गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की थी। 

शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, गांधी ने कहा कि मोदी ने अपने जवाब में उनके लिए ‘अहंकारी’ जैसे ‘निंदात्मक’ शब्दों का इस्तेमाल केवल इसलिए किया क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

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