राजस्थान में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर प्रदेश पार्टी नेता कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा से 11 सीटें छीन ली हैं, जिससे उसे केवल 14 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा की हार के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का बचाव किया है।
हालांकि, कैबिनेट मंत्री जबर सिंह खारा ने कहा है कि 25 में से 11 सीटों पर हार की जिम्मेदारी एक या दो नेताओं पर नहीं डाली जा सकती, बल्कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता बराबर जिम्मेदार हैं। खारा ने कहा कि आरक्षण समेत कई मामलों में कांग्रेस ने गलत सूचनाएं फैलाईं, जिसका भाजपा जवाब नहीं दे सकी। उन्होंने हार के कारणों की समीक्षा के भी संकेत दिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान में लोकसभा सीटों में 25 से 14 तक की कमी के बाद भाजपा के भीतर आंतरिक मनमुटाव है। पार्टी की रणनीति का मुख्य फोकस विफल हो गया क्योंकि जाति, किसान असंतोष और दलितों में असंतोष जैसे मुद्दों की अनदेखी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कुछ राजनीतिक विश्लेषक हार का कारण गहलोत सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद करना या कमजोर करना भी मानते हैं। उदाहरण के लिए, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, जिसमें 25 लाख रुपये तक के इलाज का खर्च वहन करने का प्रावधान था, उसमें सरकार ने भारी बदलाव किया है। गहलोत सरकार की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के बजट में कटौती की गई है, जिससे समाज का एक बड़ा वर्ग उपेक्षित रह गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षक यह भी मानते हैं कि वसुंधरा राजे की नाराजगी का भाजपा पर बहुत असर पड़ा है। राजे ने कभी खुलकर नाराजगी जाहिर नहीं की, मगर उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी।
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