Monsoon: आज विदा हो जायेगा दक्षिण-पश्चिम मानसून, इन राज्यों में सबसे कम हुई बारिश

img

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) की आज यानी शुक्रवार से विदाई हो रही है। पूरे मानसूनी सीजन में देशभर में सात फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। हालांकि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे धान उपजाने वाले राज्यों में काफी कम बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो वैसे तो देश भर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई लेकिन राज्यवार अलग-अलग असर देखने को मिला। रेतीले राजस्थान में जहां सामान्य से 36 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, वहीं उत्तरपूर्व में कम बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि इस इलाके में प्रचुर मात्रा में बारिश होती रही है। इधर, तमिलनाडु में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान 477.3 मिमी बारिश हुई जोकि सामान्य बारिश 323.6 मिमी से 47 प्रतिशत ज्यादा है।

बता दें कि दक्षिण पश्चिम मानसून (Monsoon) सत्र की शुरुआत एक जून से होती है और यह 30 सितंबर तक चलती है। अक्तूबर में होने वाली बरसात को मानसून के बाद वाली बारिश कहते हैं। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण पश्चिम मानसून के विदाई की शुरुआत 20 सितंबर से हो गई थी और गुरुवार तक यह पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से पूरी तरह से वापस जा चुका है। विभाग के आंकड़ों के पर गौर करें तो एक जून से 29 सितंबर के बीच मणिपुर में 47 फीसदी कम बारिश हुई। इस बार यहां 543.2 मिमी बारिश ही रिकॉर्ड की गई जबकि सत्र के दौरान यहां औसतन 1033 मिमी वर्षा होती है।

वहीं त्रिपुरा में 24 और मिजोरम में 22 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसी प्रकार से अरुणाचल प्रदेश में 14, नगालैंड में 13, असम में नौ और मेघालय में सामान्य से 8 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई। हालांकि आईएमडी 20 फीसदी तक कम बारिश को भी सामान्य मानता है। ऐसे में ये राज्य कम बारिश वाले राज्यों की श्रेणी में नहीं आते हैं। वहीं देश के सबसे अधिक चावल उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल में 17 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गई। इसका सीधा असर धान की खेती पर पड़ा। उधर तेलंगाना में 46, कर्नाटक में 29, गुजरात में 28, मध्य प्रदेश में 24 और महाराष्ट्र में 23 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। (Monsoon)

PFI in Uttar Pradesh: बेहद खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहा था PFI, पूछताछ में हुए कई बड़े खुलासे

यूपी की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर की बनाने के लिए बनी ये रणनीति, आयोजित होगी Youth Parliament

Related News