वैसे तो आपने UPSC क्रैक करने वालों के संघर्षों की कई कहानियां सुनी होंगी। कैसे उन्होंने परिवार की गरीबी, मुश्किल हालातों को पार कर कामयाबी हासिल की और एक नई इबारत लिखी। ऐसी कहानियों को सुनकर ही प्रेरणा मिलती है। ऐसे ही एक आईपीएस अफसर हैं शिवदीप वामनराव लांडे, जिनका बचपन बेहद ही मुफिलिसी में बीता है। उन्होंने कड़ा संघर्ष करके एक मुकाम हासिल किया और आईपीएस बने। (Motivational Story)
IPS शिवदीप वामनराव लांडे मौजूदा समय में बिहार के कोसी क्षेत्र (सहरसा) के नए डीआईजी हैं। उन्होंने अपनी किताब में अपनी जिंदगी के कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। गत दिवस यानी रविवार को आईपीएस लांडे ने अपनी किताब ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ‘इस किताब में एक लड़के का जिक्र है, जिसे बचपन में ये लगता था कि उसे अपने पिता को जान से मार देना चाहिए और घर से भाग जाना चाहिए लेकिन आज वह एक आईपीएस अफसर है।(Motivational Story)
किताब में बताया मां का संघर्ष(Motivational Story)
उन्होंने अपनी किताब ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ में अपनी माता के समर्पण और संघर्ष का भी जिक्र किया है। आईपीएस अफसर लांडे ने बताया कि वह बेहद गरीबी में पले-बढ़े और कड़े संघर्षों को पार कर आज इस पद पर पहुंचे हैं। आपको बता दें कि वामनराव लांडे की गिनती बिहार के तेज-तर्रार अफसरों में होती है। उन्होंने स्कॉलरशिप की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद कड़ी मेहनत कर UPSC एग्जाम टॉप किया।(Motivational Story)
बिहार कैडर के आईपीएस हैं लांडे
वामनराव लांडे वैसे तो बिहार कैडर के आईपीएस अफसर हैं लेकिन उनकी पोस्टिंग पिछले 5 साल से महाराष्ट्र में थी। इससे पहले जब वे बिहार में एसटीएफ के एसपी थे तभी उनका ट्रांसफर महाराष्ट्र कैडर में कर दिया गया था। इसके बाद बिहार लौटने से पहले वह महाराष्ट्र एटीएस में डीजीआई बन चुके थे। अब एक बार फिर से उनको बतौर डीआईजी बिहार के सहरसा रेंज की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपको बता दें कि आईपीएस अफसर शिवदीप वामनराव लांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला से ताल्लुक रखते हैं और उनका बचपन बहुत परेशानियों में बीता था। उनके पिता पेशे से किसान थे और उनका एक छोटा भाई है।(Motivational Story)
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