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सरकार शासन-प्रशासन व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नजर आती हैं. मगर जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. इन दावों के खोखले होने की एक घटना खंडवा जिले से सामने आई है। परिवार के लिए बच्चे के शव को बाइक पर ले जाने की नौबत आ गई. एक ओर जहां मृतक के परिजनों को जिला अस्पताल से शव नहीं मिल रहे थे, वहीं दूसरी ओर वे निजी एंबुलेंस चालकों से अधिक पैसे की मांग कर रहे थे. इसके बाद परिवार को बच्चे का शव बाइक पर ले जाना पड़ा.

यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मध्य प्रदेश के खंडवा के पिपलौद क्षेत्र के डेहरिया गांव के 4 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई.

परिवार एम्बुलेंस की तलाश करता रहा क्योंकि शव को उनके गांव लाया जाना था। मगर सरकारी एंबुलेंस स्टाफ व्यवस्था की कमी की शिकायत करता रहा. गरीब आदिवासी परिवार के पास जो पैसा था. यह इलाज के दौरान खर्च हो गया। अब घर जाने के लिए पैसे नहीं थे. आख़िरकार परिजन बच्चे का शव लेने के लिए बाइक से निकल पड़े.
 

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