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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की राजनीति में, ख़ासकर मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनावों को लेकर, हलचल काफी तेज़ हो गई है. और अब एक बड़ी ख़बर सामने आई है. समाजवादी पार्टी (SP) ने ये साफ कर दिया है कि वे इस बार मुंबई बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने जा रहे हैं, और किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे! ये फैसला महाराष्ट्र की चुनावी रणनीतियों में एक नया मोड़ ला सकता है.

कांग्रेस पर फूटा समाजवादी पार्टी का गुस्सा!

समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख और विधायक, अबू आज़मी (Abu Azmi), ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते हैं, तब तो कांग्रेस सभी सहयोगियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है. लेकिन जैसे ही बात बीएमसी जैसे महत्वपूर्ण चुनाव की आती है, तो वह सिर्फ़ 'खुदगर्जी' दिखाती है. आज़मी का आरोप है कि कांग्रेस अपनी सहयोगी पार्टियों का इस्तेमाल करके आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन शहरी निकायों में उनको साथ नहीं लेती, जिससे उनकी उपेक्षा होती है. उन्होंने कांग्रेस को एक "छोटी पार्टी" तक कह दिया और कहा कि अब वो समाजवादी पार्टी को उपदेश नहीं दे सकते!

क्यों अहम है ये फैसला?

मुंबई महानगरपालिका देश की सबसे बड़ी और सबसे अमीर महानगरपालिकाओं में से एक है. इस पर कब्ज़ा करना हर राजनीतिक दल का सपना होता है. समाजवादी पार्टी का यह ऐलान कि वो अकेले लड़ेगी, कई मायनों में अहम है:

  1. MVA में खलबली: जहाँ महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस) मिलकर चुनाव लड़ने की बातें करते हैं, वहीं SP का ये रुख इस गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाता है.
  2. अपने दम पर चुनाव: SP अब मुंबई में अपनी असली ताक़त दिखाने की कोशिश करेगी और बताएगी कि उनका अपना जनाधार है.

अब देखना होगा कि समाजवादी पार्टी के इस कदम से मुंबई बीएमसी चुनावों का समीकरण क्या रुख लेता है. राजनीतिक पंडितों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस समाजवादी पार्टी के इन तीखे हमलों पर कोई प्रतिक्रिया देती है, या फिर दोनों दलों के रास्ते अलग-अलग ही रहेंगे. यह चुनाव मुंबई की राजनीति में काफी दिलचस्प होने वाला है.