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Up kiran,Digital Desk : मुंबई और आसपास के इलाकों से आज चार बड़ी खबरें सामने आई हैं। कहीं आग का तांडव है तो कहीं अपराध और भ्रष्टाचार की काली परछाई। यहाँ पढ़िए मुंबई का पूरा 'क्राइम और एक्सीडेंट' अपडेट, बिल्कुल सरल भाषा में।

1. मुंबई की सुबह और धुएं का गुबार: कुर्ला में डराने वाली आग

मुंबई वालों की सुबह आज एक बुरी खबर के साथ हुई। कुर्ला वेस्ट का किस्मत नगर इलाका, जो वैसे ही काफी भीड़भाड़ वाला है, वहां अलसुबह एक गोदाम में भयानक आग लग गई। जिसने भी वो मंजर देखा, सहम गया। दूर-दूर तक काले धुएं के गुबार दिखाई दे रहे थे।
राहत की बात यह है कि दमकल की गाड़ियां (Fire Brigade) मौके पर तुरंत पहुंच गईं और आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। फिलहाल, यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर यह आग लगी कैसे? शार्ट सर्किट था या कोई लापरवाही, जांच के बाद ही पता चलेगा।

2. बांद्रा में खौफनाक वारदात: पत्नी का गला रेता, फिर खुद को लगाया करंट

बांद्रा (पूर्व) से एक रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ गुस्से और झगड़े ने एक हंसते-खेलते परिवार को खत्म कर दिया। नवाब शेख नाम के एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर का अपनी पत्नी से किसी बात पर झगड़ा हुआ। गुस्सा इतना बढ़ा कि नवाब ने पहले अपनी पत्नी का गला रेतकर हत्या कर दी।
लेकिन कहानी यही खत्म नहीं हुई। पत्नी को मारने के बाद उसने घर के अंदर ही बिजली का झटका (Electric Shock) लगाकर खुदकुशी कर ली। पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया, दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर वो कौन सी बात थी जिसने पति को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

3. 'दीये तले अंधेरा': वसई में पुलिस थाने की जमीन पर ही कब्जा!

अक्सर हम सुनते हैं कि लोग अपनी जमीन पुलिस के भरोसे छोड़ते हैं, लेकिन वसई में तो भू-माफियाओं ने पुलिस स्टेशन की जमीन को ही नहीं छोड़ा। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है।
आरोप है कि पूर्व पार्षद जमील शेख के अवैध बंगले तक रास्ता बनाने के लिए, वसई पुलिस थाने की जमीन पर अवैध सड़क बना दी गई। इसके लिए बाकायदा फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए। इस मामले में पुलिस ने नगर निगम के अधिकारियों समेत 7 लोगों पर केस दर्ज किया है। सोचिए, जब पुलिस की जमीन सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी का क्या होगा?

4. 10 करोड़ की रिश्वत मांगने वाला अफसर पहुँचा जेल

भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून ने अपना डंडा चला दिया है। जीएसटी (GST) के पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर अशोक नायक को कोर्ट ने 5 साल जेल की सजा सुनाई है और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
नायक साहब ने पीएमओ (PMO) में अपनी ऊंची पहचान होने का धौंस जमाया और एक व्यापारी का ईडी (ED) का केस रफा-दफा करने के लिए पूरे 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन कहते हैं न कि पाप का घड़ा भरता ही है। वे 1.25 करोड़ की पहली किश्त लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के हाथों रंगे-हाथों पकड़े गए थे। जज ने साफ़ कहा कि ऐसे अफसर किसी माफ़ी के हकदार नहीं हैं।