असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, जिन्होंने 10 मई को कार्यभार संभालने के बाद से नशीली दवाओं के व्यापार पर नकेल कसी है, सीएम ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार के दृष्टिकोण में प्रोत्साहन को प्रोत्साहन देना चाहिए।
उन्होंने सरकार की जंगल और मठ की भूमि पर अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध अभियान का भी बचाव किया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ने इस प्रयास को सांप्रदायिक लेंस के माध्यम से देखा। उन्होंने कहा कि ये आकस्मिक था कि कुछ निकाले गए लोग धार्मिक अल्पसंख्यक समूह के हैं।
उन्होंने एक मशहूर अखबार को बताया कि असम में मुस्लिम आबादी 29% की दर से बढ़ रही है और हिंदू सिर्फ 10% की दर से बढ़ रहे हैं। इसका मतलब है कि मुसलमानों में बहुत गरीबी और अशिक्षा होगी। हमें जनसंख्या वृद्धि को धीमा करने के लिए कुछ उपायों की जरूरत है, किंतु हम सुनिश्चित करेंगे कि मुस्लिम स्वयं पहल करें।
10 मई को असम के 15वें सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद से हिमंत बिस्वा सरमा ने ड्रग्स के विरूद्ध जंग छेड़ दी है। किंतु उन्होंने मुसलमानों को “सभ्य” परिवार नियोजन उपायों को अपनाने की सलाह और मंदिर और सरकारी भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए एक अभियान को मंजूरी देने के लिए और अधिक ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें अल्पसंख्यक ज्यादातर प्रभावित हुए हैं। वह इन और अन्य मुद्दों पर मशहूर अखाबर से बात करते हैं।