इस साल के टूर्नामेंट में 8 में से 7 मैच हारने के बाद RCB ने जोरदार वापसी की और प्लेऑफ का टिकट कटाया। उन्होंने मौजूदा चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स को बेहद कड़े मुकाबले में हराया। बेंगलुरु ने आखिरी लीग मैच में न सिर्फ चेन्नई को 27 रनों से हराया, बल्कि प्लेऑफ के लिए समीकरण भी तय कर लिया. बारिश के कारण मैच बाधित हुआ. मगर आख़िरकार मैच हुआ, 20वें ओवर तक गया. आखिरी ओवर के विशेषज्ञ महेंद्र सिंह धोनी मैदान में थे. उन्होंने एक छक्का भी लगाया. मगर वही छक्का चेन्नई की टीम के लिए घातक साबित हुआ. आइए जानें कैसे.
प्लेऑफ में पहुंचने के लिए बेंगलुरु को इस मैच में चेन्नई को कम से कम 18 रन से हराना था। बैंगलोर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 218 रन बनाए. इसके बाद चेन्नई की ओर से धोनी और रवींद्र जड़ेजा ने बेहतरीन साझेदारी कर टीम को क्वालीफिकेशन के करीब पहुंचाया. बारिश के मौसम और गीली ज़मीन के कारण गेंद गेंदबाज़ों के हाथ से फिसल रही थी. लॉकी फर्ग्यूसन द्वारा दो बार फेंकी गई गेंद बल्लेबाज के पास बीमर गई। साथ ही विराट और फाफ अंपायर से गेंद बदलने की मांग भी करते दिखे. मगर गेंद को रिप्लेस नहीं किया गया. इसी तरह चेन्नई को आखिरी ओवर में 17 रन बनाने थे. इस ओवर की पहली गेंद पर धोनी द्वारा लगाया गया छक्का चेन्नई पर भारी पड़ा।
धोनी की छक्का ऐसे बना हार की वजह
20वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने यश दयाल को लॉन्ग लेग बाउंड्री के ऊपर से छक्का लगाया। गेंद 110 मीटर दूर तक गयी. इतना ही नहीं, गेंद स्टेडियम की छत से जा टकराई. इसलिए नई गेंद लानी पड़ी. जब नई गेंद आई तो 5 गेंदों में सिर्फ 11 रन चाहिए थे. ऐसे में अंपायरों को मजबूरन दूसरी गेंद बुलानी पड़ी और ये दयाल के लिए फायदेमंद साबित हुआ। पहले गेंद गीली होने लगी थी, जिससे गेंदबाजी करना मुश्किल हो गया था. गेंद बदलने की बैंगलोर की अपील को भी अंपायर ने खारिज कर दिया. मगर रिप्लेसमेंट गेंद पूरी तरह सूखी थी. इसलिए यश दयाल सही स्टेज पर गेंदबाजी करने में सक्षम थे और धीमी गेंद और यॉर्कर को पूरी तरह से हिट कर सके। आखिरी 5 गेंदों में बैंगलोर को यही फायदा हुआ.
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